वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये थानों से गवाही देने का विरोध जारी, दिल्ली की अदालतों के बाहर वकीलों का जबरदस्त प्रदर्शन
दिल्ली में वकीलों ने उपराज्यपाल के एक नोटिफिकेशन के खिलाफ प्रदर्शन किया जिसमें पुलिस थानों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही देने की अनुमति दी गई है। वकीलों ने अदालतों का बहिष्कार किया और कई कोर्ट परिसरों के बाहर प्रदर्शन किया जिससे कामकाज ठप हो गया। उन्होंने सड़कों को जाम कर दिया और एलजी के खिलाफ नारे लगाए। वकीलों ने चेतावनी दी है कि एलजी कार्यालय का घेराव करेंगे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से पुलिस थानों से ही वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये गवाही देने की अनुमति संबंधी जारी नोटिफिकेशन के विरुद्ध में राजधानी के वकीलों का न्यायिक बहिष्कार सोमवार को भी जारी रहा।
लगातार तीसरे दिन अदालतों में कामकाज प्रभावित रहा। वकीलों ने कड़कड़डूमा कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, तीस हजारी कोर्ट, राउज एवेन्यू कोर्ट और साकेत कोर्ट समेत कई स्थानों पर पुलिस कर्मियों और सरकारी वकीलों को अदालत परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया।
अदालत परिसरों के बाहर वकीलों का आक्रोश खुलकर सामने आया। उन्होंने कामकाज बंद कर सड़क जाम किया और उपराज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी की। वकीलों का कहना है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
कड़कड़डूमा कोर्ट की शाहदरा बार एसोसिएशन के सचिव नरवीर डबास वकीलों और पक्षकारों के प्रवेश द्वार पर माइक से यह ऐलान करते नजर आए कि किसी भी पुलिसकर्मी या सरकारी वकील को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि यदि थानों से गवाही की व्यवस्था लागू होती है तो न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित होगी और इससे न तो वकीलों को न्याय मिलेगा और न ही पक्षकारों को।
दिल्ली की निचली अदालतों की सभी बार एसोसिएशनों के संगठन कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशंस के आह्वान पर 22 अगस्त से वकील न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं और उनका यह प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहेगा।
समिति ने बताया कि अब वकील सड़कों पर प्रदर्शन करने के साथ उपराज्यपाल कार्यालय का घेराव करने की भी योजना बना रहे हैं। तीस हजारी कोर्ट बार एसोसिएशन के अतिरिक्त सचिव धर्मेंद्र बैसोया ने कहा कि प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहेगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह नोटिफिकेशन वापस नहीं लिया गया तो वकील चक्का जाम करेंगे। उन्होंने कहा यदि यह व्यवस्था लागू हो गई तो न्यायपालिका का कामकाज गंभीर रूप से बाधित होगा।
रोहिणी कोर्ट में सोमवार को भी वकील हड़ताल पर रहें। इस दौरान न्यायालय में कामकाज पूरी तरह से बाधित रहा। कोर्ट से लेकर सड़कों तक वकील प्रदर्शन करते दिखे।सोमवार की सुबह काफी संख्या में वकील मधुबन चौक के पास पहुंच गए।
जहां सड़क पर बैठकर करीब आधे घंटे तक अपना विरोध जताया। इस दौरान मधुबन चौक से वाहनों की आवाजाही रुक गई। देखते ही देखते चारो दिशाओं से आने वाले वाहनों की लंबी लाइनें लग गई। न्यायालय में तमाम वकील तो जरूर पहुंचे, लेकिन किसी भी तरह का कोई काम नहीं किया।
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