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दिल्ली के बस मार्शल को बड़ी राहत, एलजी के निर्देश पर मिलेगी नई जिम्मेदारी

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले साल अक्टूबर में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बर्खास्त किए गए सिविल डिफेंस वालंटियर्स को फिर से नियुक्त करने का निर्देश दिया है। इनकी नियुक्ति 1 नवंबर 2024 से आगामी चार महीनों के लिए होगी। सिविल डिफेंस वालंटियर्स की यह नियुक्त दिल्ली शहर में वायु प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से की गई है।

By sanjeev Gupta Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 24 Oct 2024 03:30 PM (IST)
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1 नवंबर 2024 से आगामी चार महीने के लिए नियुक्ति होगी। (फोटो- @DcivilDefence)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले साल अक्टूबर महीने में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) द्वारा बर्खास्त किए गए सिविल डिफेंस वालंटियर्स को बड़ी राहत मिली है।

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने वालंटियर्स की फिर से नियुक्ति के निर्देश दिए हैं। इनकी नियुक्ति 1 नवंबर 2024 से आगामी चार महीनों के लिए शहर में वायु प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से की गई है। बता दें कि एलजी दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के पदेन अध्यक्ष भी हैं।

स्थायी नियुक्ति के लिए दिया सुझाव

साथ ही, उन्होंने दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि वे उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए इन वालंटियर्स की भविष्य में स्थायी नियुक्ति के लिए एक ठोस योजना तैयार करें, ताकि इन्हें भविष्य में फिर से गुमराह न किया जाए और उनकी आजीविका प्रभावित न हो।

'सिर्फ मीडिया में की गई घोषणा बनकर न रहे'

एलजी ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि दिल्ली सरकार द्वारा सिविल डिफेंस वालंटियर्स की नियमित नियुक्ति के लिए बनाई जाने वाली योजना में उनकी नियुक्ति के विवरण, बजटीय प्रावधान, वित्तीय अनुमोदन, पदों का सृजन और एससी/एसटी/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आरक्षण नियमों का ध्यान रखा जाना चाहिए, जो सिर्फ मीडिया में की गई एक घोषणा भर न बन कर रह जाए।

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‘महिला आयोग से कर्मियों को हटाने के लिए AAP जिम्मेदार’

भाजपा ने दिल्ली महिला आयोग से अस्थायी कर्मचारियों को हटाने जाने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना कई विभागों में संविदा पर कर्मचारी तैनात किए गए थे। इसकी शिकायत होने पर प्रशासनिक जवाब देने की जगह आप सरकार ने राजनीतिक बयानबाजी शुरू कर दी।

बस मार्शलों को नौकरी से निकालने का आदेश भी केजरीवाल सरकार ने दिए थे। कुछ दिनों पहले बस मार्शलों को लेकर आप नेताओं ने ड्रामा किया था, बाद में चुप हो गए। अब संविदा पर तैनात महिला आयोग की कर्मचारियों को अधर में छोड़ दिया गया।

सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा कि आप सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए महिला आयोग में संविदा पर भर्ती की थी। भर्ती पर प्रश्न उठे तो उन्हें अधर में छोड़ दिया। आयोग में पिछले लगभग छह माह से अध्यक्ष नहीं है। इससे आप सरकार की गंभीरता का पता चलता है।

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