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'मुख्यमंत्री को दिलाएं याद', दिल्ली के LG का कैग रिपोर्ट को लेकर मुख्य सचिव-वित्त सचिव को पत्र

दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र से पहले उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव और वित्त सचिव को पत्र लिखकर 12 लंबित कैग रिपोर्ट को सदन में पेश करने का निर्देश दिया है। एलजी सचिवालय ने आप सरकार पर अलग-अलग विभागों की कुल 12 कैग रिपोर्ट दबाने का आरोप लगाया है। इनमें से कुछ रिपोर्ट 2022 से लंबित हैं जिसमें दिल्ली सरकार की विवादास्पद आबकारी नीति और उसकी ऑडिट रिपोर्ट भी शामिल है।

By sanjeev Gupta Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 25 Sep 2024 11:23 PM (IST)
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'मुख्यमंत्री को दिलाएं याद', दिल्ली के LG का कैग रिपोर्ट को लेकर मुख्य सचिव-वित्त सचिव को पत्र
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र से एक दिन पहले एक बार फिर से एलजी सचिवालय ने मुख्य सचिव एवं वित्त सचिव को पत्र लिखकर लंबित 12 कैग रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत करने के लिए मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने का निर्देश दिया है। एलजी वीके सक्सेना के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा ने पत्र में लिखा है कि कैग की ये 12 रिपोर्ट वर्ष 2021-22 तक की लंबित हैं।

एलजी सचिवालय ने आम आदमी पार्टी (AAP) शासित दिल्ली सरकार पर अलग-अलग विभागों के कुल 12 कैग रिपोर्ट दबाने का आरोप लगाया है। कुंद्रा ने इस पत्र में सरकार के वित्त, प्रदूषण, जनस्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विस, दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति, सार्वजनिक उपक्रमों और सामाजिक और सामान्य क्षेत्रों से संबंधित विभागों के खातों से संबंधित कुल 12 कैग रिपोर्ट मुख्यमंत्री के पास लंबित होने की बात कही है।

आबकारी नीति की ऑडिट रिपोर्ट नहीं हुई पेश

इनमें से कुछ कैग रिपोर्ट 2022 से लंबित हैं। खास बात यह है कि दिल्ली सरकार की विवादास्पद आबकारी नीति और उसकी ऑडिट रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है जिसे सदन पटल पर रखा नहीं गया है। एलजी सचिवालय ने सभी रिपोर्ट को सदन में पेश करने का निर्देश दिया है।

राजनिवास ने यह भी साफ किया है कि उन्हें कैग से 18 जुलाई और 19 सितंबर 2024 को पत्र मिले हैं, ताकि इन रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा में प्रस्तुत किया जा सके।

एलजी पहले भी उठा चुके हैं मामला

बता दें कि उपराज्यपाल द्वारा सभी लंबित कैग रिपोर्ट को सदन में रखने में देरी का मामला कई बार वित्त विभाग, दिल्ली सरकार, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया गया है। हालांकि, इन कैग रिपोर्ट को विधानसभा में रखने का कोई प्रस्ताव दिल्ली सरकार द्वारा एलजी को अभी तक नहीं मिला है, जो संवैधानिक रूप से इन्हें विधानसभा में रखे जाने का आदेश देते हैं।

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