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पता नहीं था कि पेड़ों की कटाई के लिए लेनी होगी अनुमति, एलजी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

DDA Tree Felling दिल्ली के रिज क्षेत्र में 1100 पेड़ों की कटाई पर एलजी सक्सेना शपथ पत्र सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया। उन्होंने पेड़ों की कटाई को गलती मानी है साथ ही कहा कि डीडीए अधिकारियों द्वारा किया गया कार्य प्रामाणिक और जनता की भलाई के हित में थे। गौरतलब है कि बीते 16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को एक व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 23 Oct 2024 11:45 PM (IST)
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पेड़ों की कटाई पर एलजी ने सुप्रीम कोर्ट में दिया शपथ पत्र।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं दी गई थी कि रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के लिए पहले से अनुमति की जरूरत है। इस संबंध में दिल्ली विकास प्राधिकरण के दोषी अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को दिए गए शपथपत्र में एलजी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी 16 से 26 फरवरी के बीच हुई पेड़ों की कटाई के बाद हुई। उन्हें इस संबंध में जानकारी 10 जून को डीडीए उपाध्यक्ष द्वारा जारी किए गए पत्र के बाद मिली।

'गलती थी, लेकिन कार्य जनता के हित में था'

शपथपत्र में उन्होंने कहा कि हालांकि यह एक गलती थी, लेकिन उनके (डीडीए अधिकारियों) द्वारा किया गया कार्य प्रामाणिक और जनता की भलाई के हित में थे। 5 जुलाई 2024 को डीडीए के दोषी अधिकारियों के खिलाफ बीएनएसएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) के प्रावधानों के साथ दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम (डीपीटीए) के प्रावधानों के तहत एक शिकायत दर्ज की गई थी और उनके खिलाफ डीडीए द्वारा विभागीय तौर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

1100 पेड़ों की कटाई का विवरण

गौरतलब है कि बीते 16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को एक व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। इसमें फरवरी में दिल्ली रिज क्षेत्र में 1,100 पेड़ों की अवैध कटाई के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का विवरण दिया गया था।

एलजी, डीडीए के अध्यक्ष भी हैं और उन्होंने स्वीकार किया है कि फरवरी 2024 में उन्होंने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल चिकित्सा विज्ञान संस्थान तक आसान आवाजाही के लिए एक सड़क चौड़ीकरण परियोजना स्थल का दौरा किया था। उन्हें बताया गया था कि पेड़ों की कटाई के लिए ''सक्षम प्राधिकारी'' से अनुमति का इंतजार किया जा रहा था।

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एम्स से प्रत्यारोपण कर कहीं और पेड़ लगाने से नहीं मिलेगी प्रदूषण दूर करने में मदद: दिल्ली हाईकोर्ट

राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच एक नए ब्लाक के निर्माण के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) परिसर से 70 से अधिक पेड़ों को प्रत्यारोपित करने के प्रस्ताव पर दिल्ली हाई कोर्ट ने प्राथमिक आपत्ति दर्ज कराई है। अदालत ने 70 से अधिक पेड़ों को प्रत्यारोपित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा कि एम्स से पेड़ों को कहीं और प्रत्यारोपित करने से दिल्ली को मदद नहीं मिलेगी।

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