'केजरीवाल नहीं चाहते थे साफ हो यमुना, इसलिए रुकवा दिया काम'; एलजी ने दिल्ली सरकार को घेरा
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यमुना प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि एनजीटी के निर्देश पर जनवरी 2023 में उनकी देखरेख में यमुना की सफाई शुरू हुई थी लेकिन छह महीने बाद अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट जाकर इस काम पर रोक लगवा दी। अगर सफाई का काम जारी रहता तो आज यमुना की ऐसी स्थिति नहीं होती।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यमुना में प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कहा, एनजीटी के निर्देश पर जनवरी, 2023 में उनकी देखरेख में यमुना की सफाई शुरू हुई थी।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लगा कि उन्हें इसका श्रेय नहीं मिलेगा, इसलिए छह माह बाद सुप्रीम कोर्ट जाकर इस काम पर रोक लगवा दिया। यदि यह काम जारी रहता तो आज यमुना की स्थिति कुछ और होती। वह मंडपम में भारतीय नदी परिषद द्वारा आयोजित नदी मंथन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
यमुना नदी में फैली झाग। फोटो- जागरण
यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की- एलजी
उन्होंने कहा, नदियों का वर्तमान स्वरूप चिंता की बात है। यमुना से उनका बचपन से लगाव है। दिल्ली का उपराज्यपाल बनने के बाद फिर से इसके नजदीक आने का अवसर मिला। यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। उपराज्यपाल का इसका सीधा दायित्व नहीं होता है।उन्होंने जून, 2022 में नजफगढ़ ड्रेन की सफाई शुरू की क्योंकि यमुना में 74 प्रतिशत प्रदूषण इससे होता है। यमुना की सफाई चुनौतीपूर्ण कार्य है। 23 वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट और सात वर्षों से एनजीटी की निगरानी में यह काम किया गया, लेकिन स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ।
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