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दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को किया जाएगा नियमित! LG ने एक माह में योजना बनाने का दिया निर्देश

एलजी ने अनधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण और झुग्गीवासियों के पुनर्वास से संबंधित कार्यों की प्रगति और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए समयबद्ध योजना बनाने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ने डीडीए को पांच किलोमीटर के दायरे में वैकल्पिक स्थलों की तुरंत पहचान करने का निर्देश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

By V K Shukla Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Mon, 25 Dec 2023 11:12 PM (IST)
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दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने पर आया बड़ा अपडेट
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों को अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए एक समयबद्ध योजना लाने का निर्देश दिया है। इस बात पर जोर दिया कि इस प्रक्रिया को सरल और परेशानी मुक्त बनाने की जरूरत है।

हाल ही में संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) 2023 पारित होने के बाद सक्सेना ने मुख्य सचिव, शहरी विकास, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों, डीडीए के उपाध्यक्ष, एमसीडी के आयुक्त और के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने विभिन्न हितधारक विभागों/एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी शामिल किया।

एलजी ने प्रगति कार्यों का लिया जायजा

अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने क्रमशः पीएम-उदय और पीएमएवाई (शहरी) के तहत अनधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण और झुग्गीवासियों के पुनर्वास से संबंधित कार्यों की प्रगति और स्थिति का जायजा लिया। सक्सेना ने अधिकारियों से पीएम-उदय, पीएमएवाई और डीडीए की लैंड पूलिंग नीति के पूर्ण कार्यान्वयन के संबंध में विशिष्ट समयसीमा देने को कहा।

उपराज्यपाल को सूचित किया गया कि अनधिकृत कालोनियों की सीमाओं में अस्पष्टता, कट-आफ तिथियों के बार-बार विस्तार और अधिसूचित झुग्गी-झोपड़ी समूहों में अनिश्चितता ने इस मुद्दे को लंबे समय तक लटकाए रखा था और इसके कारण आखिरकार केंद्र को 2019 में पीएम-उदय और पीएमएवाई योजनाएं तैयार करनी पड़ीं।हालांकि उसके तुरंत बाद काेरोना महामारी शुरू होने के साथ काम पूरे जोरों पर नहीं किया जा सका।

समयबद्ध कार्ययोजना के साथ आने का निर्देश

एक अधिकारी ने कहा कि एलजी ने इस तथ्य पर आश्चर्य और चिंता व्यक्त की कि विभिन्न संस्करणों में यह अधिनियम दिसंबर, 2006 से लागू था और फिर भी महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं के बावजूद मामला लटका हुआ था। सक्सेना ने अधिकारियों को अनधिकृत कॉलोनियों के पंजीकरण, सत्यापन और उसके बाद नियमितीकरण के लिए एक ठोस समयबद्ध कार्ययोजना के साथ आने का निर्देश दिया।

साथ ही इस बात पर जोर दिया कि ऐसा करने की प्रक्रिया को सरल और परेशानी मुक्त बनाने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उपराज्यपाल ने डीडीए को पांच किलोमीटर के दायरे में वैकल्पिक स्थलों की तुरंत पहचान करने का निर्देश दिया, जहां कानून के अनुसार यथास्थान पुनर्वास संभव नहीं है और झुग्गीवासियों को विभिन्न योजनाओं के तहत पहले से ही निर्मित फ्लैटों/घरों में सम्मानजनक जीवन के लिए पुनर्वासित किया जाए।

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उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक माह के अन्दर पूरी योजना धरातल पर उतारी जाये और तत्काल ठोस कार्रवाई प्रारम्भ की जाये। उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि सभी कार्यों को हाल ही में संसद द्वारा पारित अधिनियम द्वारा प्रदान की गई 2026 तक की बाहरी सीमा से कम से कम एक वर्ष पहले पूरा किया जाना चाहिए।

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