सीवीडी की पुनर्नियुक्ति पर LG और CM आमने-सामने, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी; आतिशी को लिखी चिट्ठी
एलजी सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें पिछले साल बस मार्शल के पद से हटाए गए सिविल डिफेंस वालंटियर्स (सीडीवी) की पुनर्नियुक्ति के लिए कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। एलजी ने कहा कि आप उनकी बहाली का श्रेय लेने की राजनीति करते रहेंगे लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय लोगों के कल्याण में और देरी किसी भी तरह से सही नहीं है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। 10 हजार सिविल डिफेंस वालंटियर्स (सीडीवी) को फिर से नौकरी पर रखने को चल रहे राजनीतिक प्रयास और आरोप प्रत्यारोप के बीच उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शनिवार को मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखा है। पत्र में एलजी ने इस बात पर जाेर दिया है कि उन्हें पिछले साल बस मार्शल के पद से हटाए गए सिविल डिफेंस वालंटियर्स (सीडीवी) की पुनर्नियुक्ति के लिए अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
बता दें कि राजस्व और वित्त विभागों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद पिछले साल नवंबर में दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन यानी बसों में मार्शल के रूप में काम कर रहे करीब 10,000 सीडीवी को नौकरी से हटा दिया गया था।उसके बाद से इनकी पुन: नियुक्ति को लेकर माहौल गरमाया हुआ है।
चार माह के लिए नौकरी पर रखे जाने का फैसला
भाजपा और आप एक दूसरे को इन लोगों को नाैकरी से हटाए जाने के लिए जिम्मेदार ठहरा रही हैं। गत दिनों हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन की हुई बैठक में प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए फिलहाल चार माह के लिए इन लोगों को नौकरी पर रखे जाने के लिए फैसला लिया गया था। मगर ये लोग अभी तक नहीं लग पाए हैं।बहरहाल शनिवार को सक्सेना ने मुख्यमंत्री को लिख पत्र में कहा कि बेशक, आप और आपकी पार्टी के नेता उनकी बहाली का श्रेय लेने की राजनीति करते रहेंगे, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय लोगों के कल्याण में और देरी किसी भी तरह से सही नहीं है।
दीर्घकालिक नियुक्ति के लिए ठोस योजना बनाए सरकार: LG
राजनिवास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि एलजी ने फिर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अब तक सीडीवी की नियुक्ति न किए जाने की बात कही है और उनसे तत्काल उनकी नियुक्ति करने को कहा है। एलजी ने सरकार से तत्काल और दीर्घकालिक नियुक्ति के लिए ठोस योजना बनाने को भी कहा है।सक्सेना ने आतिशी को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि उनकी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता इस मुद्दे पर अवांछनीय राजनीति कर रहे हैं, फिर भी दुर्भाग्य से उन्हें अभी तक उनकी ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
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