Delhi Excise Policy: 'मेरी पत्नी की देखरेख करने वाला कोई नहीं...', नहीं काम आईं सिसोदिया की भावुक दलीलें
राउज एवेन्यू कोर्ट में सिसोिदया की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने की बाद लिखित जवाब दाखिल करने का आदेश देते हुए 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया है। इस दौरान सिसोदिया के वकील ने अदालत के समक्ष काफी इमोशनल दलीलें दी थीं।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Tue, 21 Mar 2023 04:18 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवादताता। आबकारी नीति से जुड़े सीबीआई के मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकील ने काफी इमोशनल दलीलें दी हैं, लेकिन उनकी यह दलीलें उन्हें जमानत नहीं दिला सकीं। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद लिखित जवाब दाखिल करने और मामले में आगे की सुनवाई के लिए अदातल ने मामला 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया है।
बता दें कि सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले मनी लॉंड्रिंग मामले में उनकी ओर से जमानत अर्जी दाखिल की, अदालत ने अर्जी पर ईडी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
सिसोदिया के वकील ने दी यह दलीलें
सिसोदिया की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दयन कृष्णन ने कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ की अब जरूरत नहीं है और ये दिखाने के लिए अभियोजन के पास कुछ नहीं है कि सिसोदिया गवाहों को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।सिसोदिया का समाज से गहरा रिश्ता है और जब भी एजेंसी ने उन्हें बुलाया है, वो पेश हुए हैं। उन्होंने कहा कि मामले में दो अन्य पब्लिक सर्वेंट भी आरोपित हैं, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।कृष्णन ने सिसोदिया के स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें कई तरह की समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि पूरा मामला प्री के बजाए पोस्ट-टेंडर से जुड़ा है और अंतिम रूप से लागू करने से पहले कई प्रक्रियाओं से गुजरा है।
सिसोदिया के वकील ने अपनी दलीलों में आगे कहा, नीति पर उपराज्यपाल के सुझाव हैं और कानून और वित्त सचिव ने इसे देखा है।सिसोदिया के खिलाफ गवाहों को धमकाने या सुबूतों से छेड़छाड़ का कोई उचित प्रमाण नहीं है, ऐसे में उन्हें जमानत दे दी जानी चाहिए।वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने सिसोदिया की तरफ से कहा कि जब सिसोदिया को नोटिस दिया गया तब गिरफ्तार करना जरूरी नहीं समझा गया, सीबीआइ ने जांच में सहयोग नहीं करने के आधार पर गिरफ्तारी को सही ठहराया। एजेंसी बस यही कह रही है, सहयोग नहीं किया जा रहा है। मैं सार्वजनिक जीवन हूं, ऐसे में मेरे भागने का खतरा कहां है। आगे मुझे हिरासत में रखना न्यायसंगत नहीं है।
सिसोदिया के वकील मोहित माथुर ने आगे कहा कि उनकी पत्नी की देखरेख करने के लिए उनके सिवा कोई नहीं है, मेरा बेटा विदेश में पढ़ता है। मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और जांच पूरी हो चुकी है, मैं 25 दिन की रिमांड पर भी रह चुका हूं, आगे हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है।
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