Delhi: LNJP अस्पताल में सर्जरी के लिए मिल रही है छह महीने आगे की तारीख, मरीजों को हो रही है परेशानी
दिल्ली सरकार के लोक नायक अस्पताल में सर्जरी के लिए पहुंच रहे मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है।इससे मरीज परेशान हैं और प्राइवेट अस्पताल जाकर अधिक खर्च पर आपरेशन कराने को मजबूर हो रहे हैं। लोक नायक अस्पताल में पिछले दिनों पित्ताशय की थैली में पथरी की शिकायत लेकर पहुंची एक मरीज को छह महीने आगे की सर्जरी की तिथि दे दी गई है।
उदय जगताप, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के लोक नायक अस्पताल में सर्जरी के लिए पहुंच रहे मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्हें छह महीने तक आगे सर्जरी की तिथि दी जा रही है। इससे मरीज परेशान हैं और प्राइवेट अस्पताल जाकर अधिक खर्च पर आपरेशन कराने को मजबूर हो रहे हैं।
लोक नायक अस्पताल में पिछले दिनों पित्ताशय की थैली में पथरी की शिकायत लेकर पहुंची एक मरीज को छह महीने आगे की सर्जरी की तिथि दे दी गई है। महिला मरीज की हालत खराब है।
उन्हें उपचार के लिए छह महीने इंतजार करने की सलाह दे दी गई है, जबकि उनका दर्द असहनीय हो गया है। महिला मरीज रिंकी को पथरी की शिकायत होने पर स्वजन लोक नायक अस्पताल में लेकर आए थे।
जांच के बाद अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें आपरेशन कराने की सलाह दी, लेकिन उन्हें आपरेशन के लिए तीन मार्च 2024 की तिथि दे दी गई। अब उनका बुरा हाल है। परिजन उपचार के लिए दूसरे अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। उनके पति ने कहा कि उनके पास अब कोई विकल्प नहीं रह गया है। मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में उन्हें उपचार के लिए जाना होगा।
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लोक नायक अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि छोटी सर्जरी तो एक से दो दिन में ही कर दी जाती है। बड़ी सर्जरी में समस्या हो सकती है, लेकिन बहुत लंबी अवधि उन्हें नहीं दी जाती। इस बारे में जानकारी लेने के लिए लोक नायक अस्पताल के निदेशक डा. सुरेश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
एक बेड दो मरीज के उपचार की हुई थी शिकायत
पिछले दिनों अस्पताल में एक बेड पर दो मरीजों का उपचार करने की शिकायत भी की गई थी। दयालपुर की रहने वाली शकुंतला देवी के पुत्र भरत ने आरोप लगाया था कि उनकी मां को एक अन्य महिला मरीज के साथ उपचार देना शुरू कर दिया गया था। इसका विरोध करने पर उन्हें बेड उपलब्ध हो सका था।
एलएन प्रशासन ने इस तरह के आरापों को गलत बताया था। पर्याप्त बेड होने की बात कही थी। इससे पहले इंटरनेट मीडिया पर एमआरआइ और सीटी स्कैन जांच के लिए छह महीने से अधिक की तिथि देने के पर्चे वायरल हुए थे। तब भी एलएन प्रशासन ने इससे इनकार किया था।
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