सड़क बनाने में हो रही थी परेशानी, प्रशासन ने मामू-भांजे मजार पर चलाया बुलडोजर; फिर...
मजार के प्रबंधन से जुड़े मोहम्मद अली ने बताया कि कुछ महीने पहले अधिकारी आए थे उन्होंने 17 फीट जगह देने को कहा था लेकिन अब पूरी मजार ही साफ कर दी गई है। हमें कुछ करने का मौका ही नहीं दिया गया। मजार प्रबंधकों में शामिल वाजिद अली ने कहा कि हमें कोई मोहलत नहीं दी गई और रातोंरात मजार ध्वस्त कर दी गई।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सड़क चौड़ीकरण में बाधा बन रही रानी झांसी रोड पर स्थित मामू-भांजे की मजार को ध्वस्त कर दिया गया। इससे पहले अगस्त में मजार की बाउंड्रीवाल हटाई गई थी। अब पूरी मजार को हटा दिया गया है।
अगस्त में हटाई गई थी बाउंड्रीवाल
रोड चौड़ीकरण के लिए पीडब्ल्यूडी और एसआरडी की ओर से मजार के प्रबंधकों को कई बार बोला गया था। अगस्त माह में कार्रवाई कर बाउंड्रीवाल हटाई गई थी। तब मजार हटाने की कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके बगल में ही झंडेवालान मंदिर प्रबंधन को दीवार हटाने को कहा गया था, उन्होंने स्वयं दीवार हटा ली।
एक जनवरी को जारी हुआ था नोटिस
बुधवार को रात के वक्त पूरा अमला जेसीबी लेकर पहुंचा और मजार को ध्वस्त कर दिया गया। इस मामले में मजार के प्रबंधकों ने कहा कि नोटिस एक जनवरी को जारी हुआ था। दो जनवरी को सुबह तामील कराया गया था। दोपहर तीन बजे तक जवाब मांगा गया था। एजेंसियों ने तीन जनवरी को तड़के कार्रवाई कर दी।
हमें कोई मोहलत नहीं दी गई- मजार के प्रबंधक
कहा गया कि हमें कुछ करने का मौका ही नहीं दिया गया। मजार के प्रबंधन से जुड़े मोहम्मद अली ने बताया कि कुछ महीने पहले अधिकारी आए थे, उन्होंने 17 फीट जगह देने को कहा था, लेकिन अब पूरी मजार ही साफ कर दी गई है। मजार प्रबंधकों में शामिल वाजिद अली ने कहा कि हमें कोई मोहलत नहीं दी गई और रातोंरात मजार ध्वस्त कर दी गई, जबकि हमने कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है, जिस पर सुनवाई होने वाली है।
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उन्होंने कहा कि 123 वक्फ संपत्तियों को जब्त करने के संबंध में हाई कोर्ट ने कुछ महीने पहले फैसला देते हुए कहा था कि सरकार इन संपत्तियों के मामले में जितना हो सके कम से कम दखल दे और वह सिर्फ इनका निरीक्षण कर सकती है। असली संरक्षक दिल्ली वक्फ बोर्ड है। 123 संपत्तियों में दरगाह मामू भांजा भी शामिल है।