Delhi Mayor Election 2021: आज दिल्ली को मिलेंगे नए महापौर व उप महापौर, इन पदों के लिए रोमांचक मुकाबला
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की सुबह 11 बजे सदन की बैठक होगी वहीं दक्षिणी निगम की सदन की बैठक दोपहर दो बजे होगी। पूर्वी निगम की सदन की बैठक पटपड़गंज स्थित निगम मुख्यालय में अपाहन में 12 बजे होगी।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। आज राजधानी के तीनों नगर निगम को नए महापौर व उप महापौर मिल जाएंगे। उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी निगम की सदन की बैठक में चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। चूंकि महापौर व उप महापौर पद पर एक-एक ही नामांकन प्राप्त हुए हैं इसलिए पूर्वी में श्याम सुंदर अग्रवाल व किरण वैद्य, उत्तरी में राजा इकबाल सिंह व अर्चना और दक्षिणी निगम में मुकेश सुर्यान का महापौर व पवन शर्मा का उप महापौर का निर्विरोध चुनाव जीतना तय है। हालांकि दक्षिणी निगम में स्थायी समिति के तीन सदस्यों पर चार प्रत्याशियों के नामांकन होने से मुकाबला रोचक हो सकता है। इस पद पर बहुमत होने की वजह भाजपा के दो प्रत्याशियों का जीतना तय हैं।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों की किस्मत पर दांव लगा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में निगम के आम चुनाव हुए थे। तीनों निगम में हर वर्ष महापौर व उप महापौर का चुनाव होता है। यह पांचवे वर्ष के लिए महापौर व उप महापौर का चुनाव होगा। अगले वर्ष फरवरी माह में निगमों के आम चुनाव होने हैं।
उत्तरी निगम की सुबह 11 बजे सदन की बैठक होगी वहीं दक्षिणी निगम की सदन की बैठक दोपहर दो बजे होगी। पूर्वी निगम की सदन की बैठक पटपड़गंज स्थित निगम मुख्यालय में अपाहन में 12 बजे होगी।
जीतने वाले को नहीं नसीब होगा हार
महापौर व उप महापौर चुनाव के लिए सदन की बैठक के निगम ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसमें सदन की बैठक में मास्क पहने हुए सदस्यों का थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश मिलेगा। सदन में केवल में सदस्य ही बैठेंगे। वहीं, सदन के सभी गेट खुले रहेंगे। खास बात यह होगी कि विजयी प्रत्याशियों को फूलों का हार या गुलदस्ता देना प्रतिबंधित होगा। वहीं सदन की सजावट भी फूलों से नहीं होगी।
थूकने पर जुर्माना लगेगा। सदस्यों को निर्धारित किए गए स्थान पर बैठना होगा। केवल अधिकृत आंगुतकों को प्रवेश मिलेगा। खाने की वस्तु का सदन में सेवन प्रतिबंधित होगा। शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल से पहले विजयी प्रत्याशियों को गुलदस्ते से स्वागत विजयी दल द्वारा किया जाता था। इतना ही बड़े-बडे़ फूलों के हार भी पहनाएं जाते थे।