Delhi MCD Election 2022: भाजपा के सामने सिख मतों को साथ लाने की चुनौती, पुराने साथी चुनाव में बिगाड़ेंगे खेल
Delhi MCD Election 2022 नगर निगम का दुर्ग बचाने की कोशिश में जुटी भाजपा को इस बार कभी राजनीतिक साथी रहे शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) से भी निपटना होगा। पिछले चुनाव तक दोनों पार्टियां मिलकर चुनावी रण में उतरती थीं।
By Santosh Kumar SharmaEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 07 Nov 2022 08:10 PM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। नगर निगम का दुर्ग बचाने की कोशिश में जुटी भाजपा को इस बार कभी राजनीतिक साथी रहे शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) से भी निपटना होगा। पिछले चुनाव तक दोनों पार्टियां मिलकर चुनावी रण में उतरती थीं। भाजपा एक तरह से सिख मतों के लिए अकाली दल पर निर्भर रहती थी, लेकिन इस बार राजनीतिक स्थिति बदली हुई है।
दोनों पार्टियों का राजनीतिक गठजोड़ अब नहीं रहा और अकाली दल ने सभी ढाई सौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में लोकसभा और विधानसभा के साथ ही निगम चुनाव भी दोनों पार्टियां मिलकर लड़ती थी।
पिछली बार साथ में लड़ा था चुनाव
पिछले निगम चुनाव में गठबंधन के तहत शिअद बादल को आठ सीटें मिली थी। अन्य सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार थे। दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं ने मिलकर चुनाव प्रचार किया था। लेकिन, लगभग दो वर्ष पहले नए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा व शिअद बादल का गठबंधन टूट गया था। बाद में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) चुनाव को लेकर इनके बीच मतभेद और बढ़े हैं।
पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा की
दिल्ली में पुराने अकाली परमजीत सिंह सरना के हाथ में शिअद बादल की कमान है। उन्होंने पूरी ताकत के साथ निगम चुनाव लड़ने की घोषणा की है। प्रत्याशियों की खोज शुरू हो गई है।सिख मतों को साथ जोड़ने की चुनौतीभाजपा के सामने सिख मतों को अपने साथ जोड़ने की चुनौती है। इसके लिए वह राजनीतिक चुनाव में नहीं उतरने वाली धार्मिक पार्टियों से संपर्क साध रही है जिससे कि उनका पर्दे के पीछे से समर्थन मिल सके। साथ ही सिख प्रकोष्ठ को सिखों के बीच जाकर नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा किए गए कामों को प्रचारित करने को कहा गया है।
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अकाली दल का कोई जनाधार नहींआरपी सिंह (भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता) ने बताया कि दिल्ली में अकाली दल का कोई जनाआधार नहीं है। सिखों से संबंधित अन्य संगठनों का समर्थन भाजपा को मिलेगा। नरेन्द्र मोदी सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दोषियों को सजा दिला रही है। करतारपुर साहिब गलियारा बनाने के साथ ही हेमकुंठ साहिब में रोपवे का काम शुरू हुआ है। सिख गुरुओं का प्रकाश पर्व बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है। इससे सिख भाजपा के साथ हैं।
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