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दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा- बहुत नीचे आ गई है केजरीवाल की विश्वासनीयता

Delhi MCD Election 2022 तिहाड़ जेल में सत्येंद्र जैन को सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराने के वीडियो सामने आने से इस पार्टी का चरित्र सभी के सामने है। जैन को मंत्रिमंडल से निकालने के बदले उन्हें पूरा वेतन-भत्ता दिया जा रहा है।

By Santosh Kumar SinghEdited By: JP YadavUpdated: Mon, 28 Nov 2022 08:58 AM (IST)
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दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi MCD Election 2022 चौथी बार निगम की सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा पूरी ताकत झोंक रही है। पार्टी ने संकल्प पत्र जारी कर दिल्लीवासियों से नगर निगम के कामकाज को पारदर्शी बनाने सहित कई वादे किए हैं। चुनावी मुद्दे, जनता से किए गए वादे पूरे करने में आने वाली समस्याओं और आप से मिल रही चुनौतियों सहित कई मुद्दों पर संतोष कुमार सिंह ने दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी से बात की है, पेश हैं प्रमुख अंश-

दिल्ली MCD चुनाव में चौथी बार वापसी की कितनी उम्मीद है?

 पूरी उम्मीद है। पार्टी ने लोकप्रिय और मेहनती प्रत्याशियों को में उतारा है। प्रचार सही तरीके से चल रहा है। कोरोना में भाजपा व भाजपा शासित निगम की सेवा को देखकर लोग पार्टी को समर्थन दे रहे हैं। तथ्यों के साथ भाजपा नेता आप सरकार के भ्रष्टाचार व वादाखिलाफी को जनता के सामने रख रहे हैं। आप रक्षात्मक मुद्रा में है।

भाजपा का चुनावी मुद्दा निगम का कामकाज है या भ्रष्टाचार?

इस चुनाव में भ्रष्टाचार भी बड़ा मुद्दा है। भ्रष्टाचार व लोगों से किए गए वादे पूरे न करने से आप व अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीयता बहुत नीचे आ गई है। आप सरकार ने जमीन पर कोई काम नहीं किया है। सिर्फ प्रचार किया गया। लोग यह बात समझने लगे हैं। मंत्री व आप नेता भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं। टिकट बंटवारे को लेकर उनकी पार्टी में असंतोष है। आप कार्यकर्ता पार्टी नेतृत्व व विधायकों पर टिकट बेचने का आरोप लगा रहे हैं। मेहनती व लोकप्रिय कार्यकर्ता कभी भी पैसे देकर टिकट नहीं लेता है।  मतदान करते समय दिल्लीवासी इसे ध्यान रखेंगे।

भाजपा दिल्ली सरकार पर फंड न देने का आरोप लगाती है। यदि भाजपा फिर से निगम में आती है तो यह समस्या कैसे दूर होगी?

निगम के एकीकरण से यह समस्या दूर हो गई है। निगम का हिस्सा उसे मिलना चाहिए, लेकिन दिल्ली सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए भेदभाव कर रही थी। वह भाजपा शासित निगमों को बदनाम करने के लिए फंड उपलब्ध नहीं करा रही थी। कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार के समय फंड को लेकर इस तरह का कभी विवाद नहीं हुआ था।

फंड के अभाव में संकल्प पत्र के वादों को भाजपा कैसे पूरे करेगी?

भाजपा का संकल्प पत्र व्यवहारिक है। वादे पूरे करने में फंड की कमी नहीं होगी। केंद्र सरकार के मंत्रालयों के पास दिल्ली के लिए कई योजनाएं हैं। साथ ही एकीकरण से निगम मजबूत हुआ है और दिल्ली सरकार फंड देने में भेदभाव नहीं कर सकेगी।

AAP सरकार के मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं की बस यात्रा का भाजपा के पास क्या काट है?

दिल्ली के कई क्षेत्र में लोगों को या तो पानी नहीं मिल रहा है या फिर दूषित पानी मिल रहा है। लोग पानी खरीदकर पीने के लिए मजबूर हैं। टैंकर माफिया सक्रिय है। दिल्ली में लोगों को अन्य राज्यों से महंगी बिजली मिलती है। किरायेदारों को मुफ्त बिजली का लाभ नहीं मिल रहा है। कोरोना काल में भी कारोबारियों से भारी-भरकम बिजली बिल वसूला गया। बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही है। गरीबों के राशन कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। सड़कें जर्जर हैं। कोई नया स्कूल, कालेज और अस्पताल नहीं बना है।

निगम की किन उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं?

निगम की डिस्पेंसरी और दिल्ली सरकार की मोहल्ला क्लीनिक की तुलना करके देख लीजिए। निगम की डिस्पेंसरी में डाक्टर व अन्य सुविधाएं हैं। मोहल्ला क्लीनिक में सुविधाएं नहीं हैं। निगम के स्कूलों में भी दिल्ली सरकार के स्कूलों से बेहतर सुविधाएं हैं। कोरोना काल में निगम के सफाईकर्मी व अन्य कर्मचारियों ने काम किया है। सफाई से टीकाकरण तक के काम में निगमकर्मी काम कर रहे थे। भाजपा कार्यकर्ता भी जनसेवा में जुटे थे। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने वादा करके गरीबों को किराया नहीं दिया।