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MCD Election: भाजपा से चुनाव लड़ेंगी, कुख्यात गैंगस्टर छेनू की भाभी, चौहान बांगर वार्ड से मिला है टिकट

भाजपा सूत्रों ने बताया कि चौहान बांगर वार्ड मुस्लिम बहुल है। इस वार्ड में पार्टी ज्यादा सक्रिय नहीं है। सबा गाजी छेनू के भाई सलमान की पत्नी है साथ ही उत्तर पूर्वी जिला महिला मोर्चा में जिला मंत्री के पद पर भी हैं।

By SHUZAUDDIN SHUZAUDDINEdited By: Prateek KumarUpdated: Mon, 14 Nov 2022 05:55 AM (IST)
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Delhi MCD Election: चौहान बांगर वार्ड को लेकर सियासी गलियारे में भी हलचल मची हुई है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर इरफान उर्फ छेनू पहलवान की सगी भाभी भी इस निगम चुनाव में भाजपा से ताल ठोक रही हैं। भाजपा ने गैंगस्टर की भाभी सबा गाजी को चौहान बांगर वार्ड से अपना प्रत्याशी बनाया है। इसको लेकर सियासी गलियारे में हलचल मची हुई है।

पार्टी की है यह मजबूरी 

भाजपा सूत्रों ने बताया कि चौहान बांगर वार्ड मुस्लिम बहुल है। इस वार्ड में पार्टी ज्यादा सक्रिय नहीं है। सबा गाजी छेनू के भाई सलमान की पत्नी है, साथ ही उत्तर पूर्वी जिला महिला मोर्चा में जिला मंत्री के पद पर भी हैं। बताया जा रहा है कि सबा का टिकट सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा में उच्च पद पर कार्यरत नेता ने करवाया है।

छेनू सीलमपुर थाना क्षेत्र का है घोषित बदमाश 

इस चुनाव में सबा का मुकाबला सीलमपुर से आप विधायक अब्दुल रहमान की पत्नी व पूर्व पार्षद आसमा रहमान व सीलमपुर से कांग्रेस के पांच बार विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद की पुत्रवधु शगुफ्ता चौधरी से है। छेनू सीलमपुर थाना क्षेत्र का घोषित बदमाश है।

एनआइए की टीम ने मारा था छापा 

वर्ष 2015 में उसपर कड़कड़डूमा कोर्ट रूप में नाबालिग बदमाशों ने न्यायाधीश के सामने गोलियां बरसाई थीं, इसमें छेनू घायल हो गया था। जबकि गोली लगने से एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी। कुछ महीने पहले ही एनआइए की टीम ने छेनू के घर पर छापा भी मारा था।

नामांकन का आखिरी दिन 

बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है।चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख सोमवार को है। इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि ऐसे में नामांकन केंद्रों के बाहर बड़ी संख्या में भीड़ लग सकती है। तीनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के साथ उनके कवरिंग कैंडिडेंट की संख्या को ही लगा लें तो 1500 के करीब नामांकन हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त बसपा, जेडीयू और निर्दलीयों के साथ अन्य गैर मान्यता प्राप्त दलों के प्रत्याशियों से यह संख्या 2000 तक भी पहुंच सकती है।

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