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Delhi MCD: स्थायी समिति के रिक्त पद पर आज होगा चुनाव, कल दिनभर चला था नाटक; AAP पार्षदों ने क्यों किया था विरोध?

Delhi MCD आखिरकार दिल्ली एमसीडी सदन की बैठक आज यानी शुक्रवार को होगी। बताया गया कि यह बैठक दोपहर में एक बजे अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव की अध्यक्षता में होगी। कल बैठक में दिनभर खींचतान व पूरा नाटक चला था। आप पार्षदों ने सदन में मोबाइल न ले जाने को लेकर विरोध किया था। पढ़िए आखिर पूरा मामला क्या है।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 27 Sep 2024 07:41 AM (IST)
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दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक अब 27 सितंबर को एक बजे होगी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक अब 27 सितंबर को एक बजे होगी। अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव बैठक की अध्यक्षता करेंगे। वहीं, स्थायी समिति के रिक्त पद पर आज चुनाव होगा।

सदन में मोबाइल न लाने के विरोध में स्थगित हुई थी बैठक

करीब डेढ़ वर्ष से लंबित स्थायी समिति के गठन के लिए स्थायी समिति सदस्य के 18वें पद चुनाव के लिए दिनभर खींचतान और नाटक चला। पहले आप पार्षद इस बात का विरोध कर रहे थे कि उन्हें सदन में मोबाइल ले जाने की अनुमति दी जाए, लेकिन निगमायुक्त ने चुनाव की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए इस बात को खारिज कर दिया।

निगम इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ

इस दौरान आप पार्षद के सदन के बाहर विरोध प्रदर्शन करते रहे और महापौर ने इसको लेकर बैठक स्थगित कर दी। देर रात उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हस्तक्षेप किया, लेकिन देर रात को निगम ने अधिकारिक तौर चुनाव स्थगित करने की घोषणा कर दी। निगम इतिहास में यह भी पहली बार हुआ कि उपराज्यपाल ने हस्तक्षेप करते हुए महापौर और उप महापौर की अनुब्धता पर वरिष्ठ पार्षद को बैठक की अध्यक्षता के लिए कहा गया था। संभवतः आज या कल निगम सदन की बैठक हो सकती है।

बता दें कि गुरुवार को निगम की स्थायी समिति के 18वें सदस्य के चुनाव के लिए सदन की बैठक बुलाई गई थी। दोपहर दो बजे बैठक होनी थी। इस दौरान जब आप पार्षद निगम सदन में पहुंचे तो वहां तैनात दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने तलाशी देने के लिए कहा। साथ ही कहा कि मोबाइल नहीं ले जा सकते हैं। इस पर आप पार्षदों ने विरोध जताया। साथ ही निगम सदन के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी थी। इस बीच महापौर निगम सदन में तीन बार पहुंची।

सदन में मोबाइल न ले जाने पर हुआ था हंगामा

महापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पार्षदों को बिना तलाशी के सदन के अंदर आने की अनुमति दी जाए और सदन की बैठक को महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। दूसरी बार भी महापौर ने यही कहते हुए सदन की बैठक को स्थगित कर दिया। इस बीच निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने सदन को बताया कि चुनाव की गोपनीयता भंग न हो इसलिए मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित किया है।

वहीं, इस बीच निगम सचिव शिवा प्रसाद केवी ने कहा कि निगम के प्रक्रिया व संचालन के अनुच्छेद 51 (5) के तहत चुनाव की गोपनीयता बनाने के लिए मोबाइल फोन लाना प्रतिबंधित किया गया है। चुनाव की प्रक्रिया के बाद सदस्य मोबाइल ला सकते हैं। इस बीच महापौर ने तीसरी बार सदन में पहुंची और बैठक को पांच अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया। बड़े दुख की बात है कि अधिकारी महापौर के आदेश को नहीं मान रहे हैं।

पार्षदों की मर्यादा को अपमानित किया जा रहा है। अधिकारियों पर न जाने क्यों दवाब है। इसलिए सदन की बैठक को पांच अक्टूबर तक के लिए स्थगित किया जा रहा है। जब महापौर ने बैठक को स्थगित कर दिया तो पार्षद अपने-अपने घर निकले गए। इस बीच अचानक आप और भाजपा ने अपने पार्षदों वापस निगम मुख्यालय पहुंचने के आदेश दे दिए। फिर देर शाम को उपराज्याप ने निगमायुक्त को आदेश दिए कि वह चुनाव कराए। साथ ही महापौर व उप महापौर को बैठक की अध्यक्षता करने के लिए कहें अगर वह नहीं करते हैं तो वरिष्ठ पार्षद को इसकी जिम्मेदारी दे।

उल्लेखनीय है कि भाजपा पार्षद कमलजीत सहरावत ने सांसद बनने के बाद स्थायी समिति सदस्य पद पर इस्तीफा दे दिया था। इसके चलते यह पद खाली हुआ था। बाक्स यह बनी विवाद की वजह दिल्ली नगर निगम चुनाव में निगम सचिव के उस आदेश से आप पार्षद नाराज थे, जिसमें सदन में मोबाइल लाना सदन में प्रतिबंधित किया गया था।

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पार्षदों का कहना था कि पुलिस ने उनकी तलाशी नहीं ले सकती है और मोबाइल ले जाने की अनुमति होनी चाहिए। वह जब मतदान करेंगे तो मोबाइल मतदान केंद्र के अंदर लेकर नहीं जाएंगे। पुलिस अधिकारियों ने पार्षदों की मांग को खारिज कर दिया। इस बीच आप पार्षद यह नारे लगाते रहे कि मेयर हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा। निगमायुक्त और दिल्ली पुलिस हाय-हाय के नारे लगाए गए। वर्जन आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के विकास को पटरी से उतार दिया है। जब से आप सत्ता में आई है तब से सारे काम प्रभावित हो रहे हैं।

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आप ने निगम का विकास रोकने के लिए स्थायी समिति का गठन रोक रखा है। आप की मंशा फिर उजागर हो गई। हमें मोबाइल न ले जाने से कोई आपत्ति नहीं है। निगम के जो आदेश हैं हम वह मानेंगे।-राजा इकबाल सिंह, नेता प्रतिपक्ष, एमसीडी