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दिल्ली में MCD का बड़ा एक्शन, 84 फैक्ट्रियों को किया सील; सात की बिजली सप्लाई रोकी

दिल्ली नगर निगम (MCD) ने 84 फैक्ट्रियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एमसीडी ने नियमों के उल्लंघन में 84 फैक्ट्रियों को सील कर दिया। इसके साथ ही सात फैक्ट्रियों की बिजली आपूर्ति रोक दी। एमसीडी की यह कार्रवाई अभी भी जारी है। राजधानी में 24 स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्र हैं। दिल्ली जल बोर्ड के देख रेख में 35 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चल रहे हैं।

By ajay rai Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 10 Oct 2024 12:46 PM (IST)
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औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ एमसीडी की कार्रवाई जारी है। फाइल फोटो- मेयर शैली ओबेरॉय।

पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम ने नियमों के उल्लंघन में 84 फैक्ट्रियों को सील कर दिया और सात की बिजली आपूर्ति रोक दी है। अधिकारी ने कहा कि यह कार्रवाई औद्योगिक प्रदूषण को रोकने और गैर व्यवसायिक क्षेत्रों में अवैध संचालन को नियंत्रित करने के लिए की गई।

MCD ने 520 औद्योगिक इकाइयों का किया निरीक्षण

एमसीडी ने सितंबर में गैर व्यवसायिक क्षेत्रों में स्थित 520 औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया। ऐसे क्षेत्र जहां 70 प्रतिशत प्लॉटों का उपयोग जोनिंग नियमों के तहत औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

इसमें 84 इकाइयों को नियमों के उल्लंघन के कारण सील कर दिया गया। दिल्ली में 27 गैर-अनुरूप या गैर-योजनाबद्ध औद्योगिक क्षेत्र हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अभी कार्रवाई जारी है। इसमें प्रमुख रूप से उत्तर पश्चिमी दिल्ली का रिठाला इलाका है, जहां विशेष ध्यान है।

ऐसे उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई रहेगी जारी

इन उद्योगों के यमुना नदी में प्रदूषण स्तर बढ़ने के बारे में बताया गया कि सभी प्रदूषणकारी उद्योग, चाहे वे किसी भी स्थान पर हों, यमुना के प्रदूषण में योगदान करते हैं। एमसीडी ऐसे उद्योगों के खिलाफ व्यापक रूप से काम कर रही है। वे यमुना के आसपास हैं या नहीं, इसका ज्यादा महत्व नहीं है।

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दिल्ली में कितने स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्र हैं?

इन प्रयासों के बावजूद कारखानों से अनुपचारित अपशिष्ट और इसमें छोड़े जा रहे सीवेज के कारण यमुना के पानी में बदबू बनी हुई है। नदी में जहरीले झाग और गंभीर प्रदूषण को लेकर चिंता बढ़ रही है। श्रमायुक्त की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में 24 स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्र हैं। राजधानी में 35 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट दिल्ली जल बोर्ड के देख रेख में चल रहे हैं।

कोचिंग सेंटरों की सीलिंग पर हुई बैठक

महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने मुखर्जी नगर क्षेत्र में कोचिंग सेंटरों की सीलिंग के मुद्दों पर एक उच्चस्तरीय बैठक की। भूतल और प्रथम मंजिल पर संचालित कोचिंग सेंटरों की सीलिंग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई।

अतिरिक्त आयुक्त (इंजीनियरिंग) जितेंद्र यादव ने बताया कि राजेंद्र नगर की घटना के बाद से अदालत विद्यार्थियों की सुरक्षा के प्रति सख्त है। अदालत ने निर्देश दिया है कि जब तक सभी भवन उप-नियम और अग्नि सुरक्षा मानदंडों का कड़ाई से पालन नहीं करते, तब तक कोचिंग सेंटरों को भूतल और प्रथम पर अनुमति नहीं दी जाएगी।

महापौर ने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें दिल्ली अग्निशमन सेवा और एमसीडी के अधिकारी भी शामिल होंगे। यह बैठक छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ कोचिंग सेंटरों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए की जाएगी। कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और कोचिंग सेंटर संचालकों के लिए एक संतुलित समाधान की दिशा में काम करेंगे।

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