मेट्रो यात्रियों को जल्द मिल सकती है एक बड़ी सुविधा, बढ़ती भीड़ को देखते हुए नियम में होने जा रहा बदलाव
DMRC यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए जल्द ही एक निर्णय लेने जा रहा है। यात्रियों की हर स्टेशन पर बढ़ती भीड़ के कारण मेट्रो में हर सीट पर बैठने की पाबंदी को खत्म करने की पहल की जा रही है। इसके लिए केंद्र से अनुमति लेनी होती है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 11 Feb 2021 06:32 PM (IST)
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। कोरोना के कारण थमी मेट्रो की रफ्तार अब तक पूरी तरह पहले जैसे नहीं हो पाई है। हालांकि, सभी चीजें खुलने से यात्रियों की भीड़ मे जरूर इजाफा हो रहा है। इसके कारण यात्रियों को हर दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए मेट्रो ने इसे खत्म करने की पहल की है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने केंद्र सरकार से मेट्रो का परिचालन सामान्य तरीके से करने की अनुमति मांगी है। अनुमति मिलने के बाद पूरी क्षमता के साथ मेट्रो का परिचालन शुरू हो सकेगा जिससे यात्रियो को सफर करने में आसानी होगी। फिलहाल डीएमआरसी को प्रति माह 180-186 करोड़ रुपये की नुकसान उटाना पड़ रहा है। वहीं, यात्रियों की भी़ड़ को ध्यान में रखकर मेट्रो स्टेशनों पर अब पहले से ज्यादा गेट खोले जा रहे हैं।
राजधानी में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) व क्लस्टर बसों में सभी सीटों पर यात्रियों को बैठाने की अनुमति मिल गई है। ग्रामीण सेवा, ऑटो रिक्शा सहित अन्य वाहनों में भी पूरी क्षमता के साथ यात्री सफर कर रहे हैं, लेकिन मेट्रो में अभी भी एक सीट छोड़कर यात्रियों को बैठने का नियम लागूू है। इससे जहां यात्रियों को परेशानी हो रही है वहीं, डीएमआरसी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कोरोना संक्रमण की वजह से मेट्रो सेवा लगभग पांच माह बंद रही थी। संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी एहतियात के साथ पिछले वर्ष सितंबर से दोबारा मेट्रो सेवा शुरू हुई है। शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था है। इसके साथ ही मेट्रो स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी गेट नहीं खोले जा रहे हैं। शारीरिक दूरी का पालन के साथ सैनिटाइजेशन और यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। डीएमआरसी अधिकारियों के अनुसार मेट्रो स्टेशनों पर कुल 682 गेट हैं और सितंबर में इनमें से 269 गेट खोले गए थे। यात्रियों की संख्या बढ़ने की वजह से अब 447 गेट खोल दिए गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो को कोरोना से पहले हर दिन 10 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता था। इस समय रोजाना मात्र चार करोड़ की कमाई हो रही है। इस तरह से प्रतिदिन छह करोड़ यानी 60 फीसद का नुकसान हो रहा है। यदि सेवा सामान्य कर दी जाए तो इस नुकसान की भरपाई हो सकती है। लोग भी आसानी से कहीं आ जा सकेंगे।
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लाइन 1 | 32 | 59 |
लाइन 2 | 39 | 83 |
लाइन 3 व 4 | 59 | 89 |
लाइन 5 | 21 | 40 |
लाइन 6 | 34 | 71 |
लाइन 7 | 31 | 43 |
लाइन 8 | 21 | 46 |