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Delhi Metro News: दिल्ली HC ने खारिज की याचिका, फिलहाल 100 फीसद सिटिंग कैपिसिटी के साथ ही दौड़ेगी मेट्रो

Delhi Metro News दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि यह देखना अधिकारियों का काम है। पीठ ने यह भी कहा कि आप आज कह रहे हैं कि क्षमता 50 फीसद होनी चाहिए कल कोई और आकर 20 फीसद व्यवस्था की मांग करेगा।

By Jp YadavEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 12:46 PM (IST)
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Delhi Metro News: फिलहाल 100 फीसद सिटिंग कैपिसिटी के साथ ही दौड़ेगी दिल्ली मेट्रो
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली मेट्रो में 100 फीसद बैठने की क्षमता की अनुमति देने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि मेट्रो का इस्तेमाल करना अनिवार्य नहीं है, आप चाहे तो इस्तेमाल न करें। इसी के साथ यह तय हो गया है कि फिलहाल दिल्ली मेट्रो 100 फीसद सिटिंग कैपिसिटी के साथ ही रफ्तार भरती रहेगी।

दिल्ली हाई कोर्ट न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने मंगलवार को सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर हमें नीतिगत मामले में हस्तक्षेप क्याें करना चाहिए। पीठ ने कहा कि यह देखना अधिकारियों का काम है। पीठ ने यह भी कहा कि आप आज कह रहे हैं कि क्षमता 50 फीसद होनी चाहिए, कल कोई और आकर 20 फीसद व्यवस्था की मांग करेगा।

याचिकाकर्ता व अधिवक्ता एसबी त्रिपाठी द्वारा रेस्त्रां व सिनेमाहाल में 50 फीसद की व्यवस्था देने की दलील पर पीठ ने पूछा कि क्या सिनेमाहाल और मेट्रो का वातावरण एक जैसा है। पीठ ने कहा अब स्कूल खुल रहे हैं। उद्​देश्य सिर्फ इतना है कि जब आप बाहर हैं और यात्रा कर रहे हैं तो मास्क लगाएं। अगर, आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो मेट्रो में सफर न करें। पीठ ने उक्त टिप्पणी करते हुए याचिका खारिज कर दी।

गौरतलब है कि अधिवक्ता एसबी त्रिपाठी ने याचिका दायर कर कहा कि 100 फीसद बैठने की क्षमता की व्यवस्था से शारीरिक दूरी के नियमों को तोड़ने का बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने मेट्रो व बसों में 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ ही खड़े होने की अनुमति देने की मांग की थी।

याचिका में दलील दी गई कि मेट्रो और बसों में 100 फीसद बैठने की क्षमता की अनुमति देकर दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर के खतरे की अनदेखी की है। एसबी त्रिपाठी ने दिल्ली सरकार के एक अन्य आदेश का भी हवाला दिया था, जिसमें सरकार ने सभी रेस्तरां, सिनेमा हाल, मल्टीप्लेक्स आदि को 50 फीसद बैठने की क्षमता पर चलने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे में दिल्ली सरकार के पास दिल्ली में परिवहन सेवाओं के लिए अलग नियम बनाने का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मेट्रो व बसों में 100 फीसद बैठने की क्षमता की अनुमति दी तो कोरोना महामारी की अनुमानित तीसरी लहर समय से पहले आ सकती है।

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