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Arvind Kejriwal: सीएम केजरीवाल को इस्तीफे के लिए दो दिन क्यों चाहिए? जानिए आतिशी ने क्या दिया जवाब

Arvind Kejriwal Resignation मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देंगे। उन्होंने आप कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा कर दी। जेल से छूटने के बाद उन्होंने कुर्सी छोड़ने की बात कही है। दिल्ली में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। वहीं इस उनकी इस्तीफे को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि वो दो दिन बाद ही कुर्सी क्यों छोड़ेंगे।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 15 Sep 2024 05:25 PM (IST)
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प्रेस कॉन्फ्रेंस करते सौरभ भारद्वाज और आतिशी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अचानक इस्तीफे की घोषणा करके दिल्ली की राजनीति में भूचाल ला दिया। उन्होंने कहा कि वो दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। वहीं, इस पर सवाल किए जा रहे हैं कि उन्होंने इस्तीफे के लिए दो दिन ही क्यों चुने। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी से पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब दिया।

उनसे सवाल किया गया कि केजरीवाल दो दिन बाद ही क्यों इस्तीफा देंगे? इस पर आतिशी ने कहा कि आज यानी रविवार है। सोमवार को ईद की छुट्टी है। मंगलवार को काम का दिन है। इसलिए उन्होंने दो दिन बाद इस्तीफा देने का फैसला किया है।

केजरीवाल की ईमानदारी पर ठप्पा लगा सकें

आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की ईमानदारी पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मोहर लगा दी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और उनकी जांच एजेंसियों के मुंह पर तमाचा मारा है। कोर्ट ने CBI को केंद्र सरकार के पिंजरे में कैद तोता कहकर उसके द्वारा अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है।

अब सीएम केजरीवाल ने यह फैसला किया है कि जब तक दिल्ली की जनता उनकी ईमानदारी पर अपने वोटों के द्वारा मोहर नहीं लगा देती तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। हमारी मांग है कि चुनाव आयोग नवंबर में महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव कराए, जिससे जनता केजरीवाल की ईमानदारी पर अपना ठप्पा लगा सकें।

'अग्निपरीक्षा पास करेंगे'

सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता में कहा, अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सबसे बड़ी अदालत ने उन्हें जमानत के जरिए राहत दी है, लेकिन वे जनता की अदालत में जाकर अग्निपरीक्षा देंगे। जब वे अग्निपरीक्षा पास कर लेंगे, तभी वे सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे।

वे अकेले सीएम हैं, जो खुद लोगों से कह रहे हैं कि वे तभी वोट दें जब वे उन्हें ईमानदार देखें। यह भारतीय राजनीति में एक बड़ी बात है, और इस तरह की नैतिकता कम ही देखने को मिलती है।

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26 जून को हुई थी गिरफ्तारी

केजरीवाल (Kejriwal Bail) को सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था। उस समय वो मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में पहले से बंद थे। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केजरीवाल को 21 मार्च को उनके सरकारी आवास से अरेस्ट किया था। सुप्रीम कोर्ट से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले ही जमानत मिल गई थी। शुक्रवार को उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई के भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में जमानत मिली है।

10 मई को जेल से बाहर आए थे केजरीवाल

आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक अप्रेल से जेल में बंद थे। इस बीच लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए उन्हें शीर्ष अदालत से जमानत मिली थी। 10 मई को वे जमानत के बाद जेल से बाहर आए थे। जमानत की अवधि समाप्त होने पर वे दो जून को जेल पहुंचे थे। तब से वे लगातार जेल में थे।

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