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रैपिड ट्रेन प्रोजेक्ट में आएगी तेजी, दिल्ली सरकार ने दिए 415 करोड़ रुपये; सुप्रीम कोर्ट ने दी थी चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट की खिंचाई के बाद दिल्ली सरकार ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम मेरठ कॉरिडोर के लिए 415 करोड़ रुपये जारी कर दिए। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने आरआरटीएस परियोजना के लिए एनसीआरटीसी को 415 करोड़ रुपये का भुगतान जारी कर दिया है। सरकार ने कुछ महीने पहले धनराशि की पहली किस्त जारी की थी।

By V K ShuklaEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Fri, 24 Nov 2023 08:57 PM (IST)
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रैपिड ट्रेन प्रोजेक्ट में आएगी तेजी, दिल्ली सरकार ने दिए 415 करोड़ रुपये
राज्य ब्यूराे, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने RRTS प्रोजेक्ट के लिए 415 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने आरआरटीएस परियोजना के लिए एनसीआरटीसी को 415 करोड़ रुपये का भुगतान जारी कर दिया है। इससे पहले सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम मेरठ कॉरिडोर के लिए फंड नहीं देने के लिए दिल्ली सरकार की खिंचाई की थी। 

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दी थी चेतावनी

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि अगर एक हफ्ते के भीतर बकाया का भुगतान नहीं किया गया तो आप सरकार द्वारा विज्ञापनों के लिए आवंटित फंड को खत्म कर दिया जाएगा। साथ ही इस राशि को आरआरटीएस प्रोजेक्ट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

सरकार पहले ही जारी कर चुकी पहली किस्त

कैलाश गहलोत ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) को 415 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। सरकार ने कुछ महीने पहले धनराशि की पहली किस्त, लगभग 80 करोड़ रुपये जारी की थी। आरआरटीएस परियोजना में दिल्ली को उत्तर प्रदेश में मेरठ, राजस्थान में अलवर और हरियाणा में पानीपत से जोड़ने वाले सेमी-हाई स्पीड रेल कारिडोर का निर्माण शामिल है।

एनसीआरटीसी आरआरटीएस परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है जो केंद्र और संबंधित राज्यों के बीच एक संयुक्त उद्यम है। निर्माणाधीन रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) मेरठ कॉरिडोर के निर्माण में अपने योगदान की तीसरी और आखिरी किस्त जारी करने के लिए परिवहन विभाग ने सितंबर में फाइल वित्त विभाग के पास भेजी थी, मगर किन्हीं कारणों से 415 करोड़ रुपये की यह राशि जारी नहीं हाे सकी थी।

दिल्ली में आ रहा 13 किमी का हिस्सा

मेरठ आरआरटीएस परियोजना का 13 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में आ रहा है। इसके लिए दिल्ली सरकार अपना योगदान दे रही है। दिल्ली सरकार ने इस आरआरटीएस कारिडोर को पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) से पहली किस्त के 265 करोड़ रुपये मार्च 2019 और मई 2023 में दूसरी किस्त के 500 करोड़ रुपये जारी किए थे। तीसरी किस्त बजट से जारी की गई है।

दिल्ली को देने हैं कुल इतने करोड़ रुपये

दिल्ली को कुल 1180 करोड़ रुपये देने थे। मेरठ कॉरिडोर से राष्ट्रीय राजधानी उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से सीधे जुड़ जाएगी। इस परियाेजना पर पहले काम हो रहा है। परियोजना के पहले चरण में 82.15 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर काम हो रहा है, जिसमें 25 आरआरटीएस स्टेशन हैं। दिल्ली में आनंद विहार, न्यू अशोक नगर और सराय काले खां में तीन स्टेशन हैं।

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इसके जरिए दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक की दूरी 60 मिनट में तय की जा सकेगी। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दिल्ली परिवहन के हब के रूप में विकसित हो रही है। इसके बन जाने से सड़क से एक लाख से अधिक वाहनों के कम होने का अनुमान है, जिसके चलते दिल्ली में प्रमुख सड़कों पर भीड़-भाड़ कम होगी।

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उन्होंने कहा कि हमारे लिए यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसीलिए एनसीआरटीसी को स्टेशनों के भीतर और आसपास पैदल यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र ऑडिट करने की सलाह दी गई थी।

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