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दिल्ली में छह मोबाइल फॉरेंसिक क्राइम सीन यूनिट का शुभारंभ, दोषियों पर कसेगा शिकंजा

सत्येंद्र जैन ने कहा कि पहले तक फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने में चार से पांच वर्ष लग जाते थे। लेकिन मोबाइल फॉरेंसिक क्राइम सीन यूनिट शुरू होने पर अब सिर्फ एक से दो महीनों में रिपोर्ट मिल जाएगी।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Fri, 05 Feb 2021 11:19 AM (IST)
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छह मोबाइल फॉरेंसिक क्राइम सीन यूनिट का किया गया शुभारंभ

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को छह मोबाइल फॉरेंसिक क्राइम सीन यूनिट का शुभारंभ किया। राजधानी के छह अलग-अलग इलाके में यूनिट स्थापित की गई है। इसके शुरू हो जाने से जहां फॉरेंसिक विशेषज्ञ कम समय में वारदात वाली जगह पर जाकर वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्र कर सकेंगे। वहीं, इसकी रिपोर्ट भी कम समय में तैयार की जा सकेगी। यूनिट के खुलने से पुलिस के सामने आ रही समस्याओं का समाधान भी हो सकेगा। यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध होगी। जैन ने विशेषज्ञों से आवाहन किया कि वे दोषी की सजा दिलवाएं और निर्दोष को हर संभव बचाव करें।

सत्येंद्र जैन ने सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि पहले तक फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने में चार से पांच वर्ष लग जाते थे। लेकिन मोबाइल फॉरेंसिक क्राइम सीन यूनिट शुरू होने पर अब सिर्फ एक से दो महीनों में रिपोर्ट मिल जाएगी। इससे आरोपित को जल्द सजा मिल सकेगी और निर्दोष का बचाव हो सकेगा। पहले तक महिलाओं के खिलाफ हुई वारदात के मामले में भी डीएनए जांच में छह महीने से अधिक समय लग जाता था। लेकिन अब आरोपपत्र दायर होने की अवधि के अंदर रिपोर्ट तैयार मिलेगी। उन्होंने बताया कि पूर्व में ज्यादा दूरी होने पर देरी से मौके पर विशेषज्ञों के पहुंचने के कारण फिंगर प्रिंट और डीएनए जैसे महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो जाते थे। इस तरह की दिक्कतकों का सामना अब नहीं करना पड़ेगा।

फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की निदेशक डा. दीपा वर्मा ने बताया कि पहले दिल्ली में सिर्फ रोहिणी में एक फॉरेंसिक लैब मौजूद था। लेकिन अब पूरी दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर छह और लैब शुरू किए गए हैं। वहां अलग-अलग विशेषज्ञों की टीम तैनात होंगी। सूचना मिलते ही उन्हें क्राइम सीन पर रवाना किया जाएगा। साक्ष्य की प्रमाणिक जांच के लिए कई वैज्ञानिक व कर्मचारियों की भर्ती भी की गई है। इन यूनिट का जिम्मा वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपा गया है। वे तमाम रिपोर्ट की समीक्षा करते रहेंगे। जिससे जांच रिपोर्ट की गुणवत्ता में सुधार होगा। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी आपराधिक गुणवत्तापूर्ण न्याय प्रणाली और जनता की संतुष्टि बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्ध है। इस मौके पर प्रधान सचिव (गृह) भूपेंद्र सिंह भल्ला, उप निदेशक के.सी. वार्ष्णेय, सह निर्देशक श्रीनारायण, क्राइम सीन मैनेजमेंट डिवीजन के प्रभारी संजीव गुप्ता सहित अनुराग शर्मा, डॉ वीरेंद्र सिंह इत्यादि मौजूद रहे।

इन स्थानों पर स्थापित की गई है यूनिट

  • पूर्वी जोन-उस्मानपुर पुलिस स्टेशन
  • पश्चिमी जोन-द्वारका पुलिस स्टेशन
  • केंद्रीय जोन-सदर बाजार पुलिस स्टेशन
  • नई दिल्ली जोन-दिल्ली कैंट
  • दक्षिणी जोन-ग्रेटर कैलाश
  • उत्तरी जोन-रोहिणी सेक्टर-14
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