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पेड़ों की कटाई पर दिल्ली सरकार हमलावर, गिनाए DDA के झूठ; मंत्री ने कहा- LG के आदेश पर काटे गए पेड़

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान पेड़ों की कटाई पर डीडीए को जमकर फटकार लगाई। साथ ही अधिकारियों को अवमानना का नोटिस जारी किया। इन पेड़ों पर कोर्ट ने डीडीए से स्पष्ट जवाब मांगा है। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने डीडीए और एलजी पर हमला बोला है। पार्टी ने कहा कि एलजी के कहने पर पेड़ों को काटा गया।

By Geetarjun Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 25 Jun 2024 07:31 PM (IST)
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दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कल दिल्ली के अंदर 1100 पेड़ों को गैरकानूनी तरीके से काटने के मामले की सुनवाई अवमानना के अंदर की। इन पेड़ों को पहले ही काटा गया था, लेकिन अब ये लोग कोर्ट के अंदर इजाजत लेने पहुंच गए और यहां ये लोग पकड़े गए। इसमें दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) फंस गया।

डीडीए की ईमेल से साफ है कि इन पेड़ों को काटने की इजाजत एलजी साहब की तरफ से थी। DDA के अधिकारियों को भी मालूम था कि इन 1100 पेड़ों को काटने की इजाजत जिम्मेदार संस्था से नहीं ली गई, लेकिन इसके बावजूद पेड़ काट दिए गए। इसको लेकर भी कल कोर्ट में झूठ बोला गया।

डीडीए के ईमेल से झूठ का खुलासा

इस झूठ का खुलासा भी डीडीए के एक अधिकारी के ईमेल में होता है। इस Email में लिखा हुआ है कि एलजी साहब वहां गए थे। मैं सभी अखबार के साथियों से कहना चाहता हूं कि अगर दिल्ली में नाला बन रहा हो और पेड़ की जड़ दिख जाए तो आधे पेज की खबर छपती है, लेकिन दिल्ली में 1100 पेड़ कट गए और आधी अधूरी खबर छपती है। आप दोस्ती निभाइए लेकिन दिल्ली के लोगों को बात तो करिए, 1100 पेड़ कटे हैं, पूरी खबर तो छापिए।

काटे गए पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी

एलजी के कहने पर डीडीए द्वारा कोर्ट को गुमराह किया गया। पहले से कटे हुए पेड़ों को काटे जाने की डीडीए अनुमति मांग रहा था। डीडीए के अधिकारियों को यह मालूम था कि इन पेड़ों को काटने के लिए समक्ष पदाधिकारियों की अनुमति की जरूरत पड़ेगी, यह जानते हुए भी कोर्ट में झूठ बोला गया।

फॉरेस्ट रेंजर व वन विभाग द्वारा कहा गया कि यह पेड़ नहीं कट सकते, लेकिन बाद में मौखिक अनुमति दे दी गई, यह मौखिक अनुमति का क्या अर्थ है, यह भ्रष्टाचार, लूट और डकैती है। एलजी ने खुद निरीक्षण किया था। फिर भी केंद्र के वकीलों के इस झूठ पर एलजी ने चुप्पी साधी हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि राजधानी में पेड़ों की कटाई की बेशर्मी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। कोर्ट ने DDA के उपाध्यक्ष से स्पष्ट जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या रिज क्षेत्र में पेड़ों को उपराज्यपाल के आदेश पर काटा गया था, या उनकी अनुमति के बिना। न्यायाधीश अभय एस ओका और न्यायाधीश उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि डीडीए के पेड़ काटने के कृत्यों की विस्तृत जांच हो, जिस कारण कई मूल्यवान पेड़ नष्ट हो और पर्यावरण का नुकसान हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट इस बात पर चौंका

कोर्ट ने सुनवाई में आगे कहा कि यह बेहद चौंकाने वाला है कि पेड़ों को सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं काटा जा सकता है, फिर भी उन्हें काटा गया। कोर्ट ने पेड़ काटना निर्लज्ज जैसी हरकतें बताया है, जिसे हल्के में नहीं ले सकते।

अवमानना का नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए अधिकारियों को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए उपाध्यक्ष को निर्देश दिया कि वो बताएं कि क्या तीन फरवरी को उपराज्यपाल के साइट विजिट के दौरान क्या हुआ? इस बारे में कोई अधिकारिक उपलब्ध है।

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