दिल्ली के AAP विधायकों के पास बचे हैं सिर्फ 11 हफ्ते, आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले पैसे खर्च करने में जुटे
दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही विधायक अपने-अपने इलाकों में फंड खर्च करने में जुटे हैं। विधायकों के पास केवल 11 हफ्ते का समय बचा है। 14 अक्टूबर तक 69 विधायकों ने 554 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कोष की खर्च नहीं की गई राशि समाप्त नहीं होती और उसे अगले वित्तीय वर्ष के आवंटन में जोड़ दिया जाता है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही दिल्ली के विधायक अपने अपने इलाकों में फंड खर्च करने पर फोकस बढ़ा रहे हैं। शहर के विधायक हर साल उन्हें आवंटित विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास (एमएलएएलएडी) फंड का उपयोग करके अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक सुविधाएं जोड़ने और बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए खर्च कर रहे हैं। जनवरी के पहले सप्ताह तक विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली में चुनाव आचार संहिता लग जानी है। ऐसे में विधायकों के पास केवल 11 सप्ताह का ही समय बचा है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के 70 में से 69 विधायकों ने सामूहिक रूप से इस साल 14 अक्टूबर तक अपने विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यों पर एमएलएएलएडी फंड के 554 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि 329 करोड़ रुपये अभी भी शेष के रूप में 14 अक्टूबर तक बचे हुए थे जो विधायकों के उपयोग के लिए उपलब्ध थे। दिल्ली के पूर्व मंत्री राज कुमार आनंद, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में पार्टी और पटेल नगर के विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था, का विवरण रिकॉर्ड में नहीं था।
अधिसूचना जनवरी के पहले सप्ताह में जारी होने की संभावना
बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा एमएलएएलएडी फंड के आवंटन को 2024-25 वित्तीय वर्ष में प्रति निर्वाचन क्षेत्र 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव पारित किया था। इससे अब इस कोष में 345 करोड़ रुपये और जुड़ गए हैं। विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने हैं और इसकी अधिसूचना जनवरी के पहले सप्ताह में जारी होने की संभावना है, लेकिन विधायकों के पास निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों की नई योजनाएं तैयार करने उन्हें संबंधित एजेंसियों से मंजूरी दिलाने और उसके लिए धन मंजूर करने के लिए व्यावहारिक रूप से सिर्फ 11 सप्ताह का समय है। चुनाव घोषित होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी और कोई नया सरकारी काम शुरू या घोषित नहीं किया जाएगा।31 मार्च 2024 तक चार वर्षों में फंड से 692 करोड़ खर्च
स्थिति पर गौर करें तो चालू कार्यकाल के 31 मार्च 2024 तक चार वर्षों में विधायकों द्वारा एमएलए-एलएडी फंड से 692 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया। हालांकि 2020-21 में विधायकों को कोई आवंटन नहीं किया गया, लेकिन महामारी से प्रेरित लाकडाउन और उसके बाद में उस साल लगभग 88 करोड़ रुपये खर्च किए गए, इसी तरह 2021-22 में 224 करोड़ रुपये खर्च किए गए। मगर 2022-23 में 159 करोड़ रुपये घटकर 222 करोड़ रुपये खर्च किए गए। आंकड़ों को प्रति विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से बांटें तो 2020-21 में प्रति निर्वाचन क्षेत्र औसतन केवल 1.25 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो 2021-22 में बढ़कर 3.19 करोड़ रुपये, 2022-23 में 3.17 करोड़ रुपये और 2023-24 में घटकर 2.27 करोड़ रुपये हो गए।
आप के 10 विधायकों के पास 14 अक्टूबर तक 10 करोड़ बचे
यहां बता दें कि विधायक के स्थानीय क्षेत्र विकास कोष की खर्च नहीं की गई राशि समाप्त नहीं होती और उसे अगले वित्तीय वर्ष के आवंटन में जोड़ दिया जाता है। हालांकि, यह राशि केवल पांच साल के कार्यकाल के दौरान ही उपलब्ध रहती है। विधायकों के इस कार्यकाल का यह अंतिम साल है, इसीलिए विधायक अधिक से अधिक पैसा खर्च करना चाहते हैं। आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन सहित छह विधायक ऐसे थे, जिनके पास 14 अक्टूबर तक एमएलएएलएडी फंड की 10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च नहीं हुई थी।सत्येंद्र जैन महज 41 लाख ही खर्च कर पाए
शकूर बस्ती विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जैन मई 2022 में कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार होने से पहले बमुश्किल 41 लाख रुपये का इस्तेमाल कर पाए थे और कुल आवंटन में से 24.59 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए थे, वहीं नई दिल्ली से चुने गए केजरीवाल के पास 18.13 करोड़ रुपये शेष थे। कस्तूरबा नगर के विधायक मदन लाल, नजफगढ़ के विधायक और मंत्री कैलाश गहलोत और मुंडका के विधायक धर्मपाल लाकड़ा के एमएलएएलएडी फंड में भी 10 करोड़ रुपये से अधिक शेष थे।
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