Delhi Model Virtual School: देश भर से आए 800 एप्लीकेशन, बढ़ सकती है आवेदन की लास्ट डेट
दिल्ली सरकार द्वारा बुधवार को लांच किए गए वर्चुअल स्कूल में 800 से ज्याद दाखिले के लिए आवेदन आ चुके हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 31 सितंबर को इसका उद्घाटन करते हुए दावा किया था कि दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल (DMVS) भारत का पहला वर्चुअल स्कूल है।
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली सरकार द्वारा बुधवार को लांच किए गए वर्चुअल स्कूल में 800 से ज्याद दाखिले के लिए आवेदन आ चुके हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 31 सितंबर को इसका उद्घाटन करते हुए दावा किया था कि दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल (DMVS) भारत का पहला वर्चुअल स्कूल है।
न्यूज एजेंसी के अनुसार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश भर के किसी भी कोने से छात्र पढ़ाई के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि स्कूल में आवेदन करने की आखिरी तारीख को भी आगे बढ़ाया जा सकता है।
6 सितंबर है आखिरी तारीख
अधिकारी ने बताया कि बुधवार से स्कूल शुरू हुआ है, तब से शुक्रवार तक 800 आवेदन प्राप्त हुए हैं। लेकिन सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें छात्र-छात्रा की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है। आवेदन करने की आखिरी तारीख 6 सितंबर है, अगर जरूरत पड़ी तो तारीख को आगे बढ़ाया भी जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि ज्यादातर लोगों को अभी स्कूल के बारे में पता हीं है, हम नहीं चाहते कि बच्चे मौका से वंचित हो जाएं। स्कूल का पहला सत्र अक्टूबर से शुरू हो जाएगा।
सोशल मीडिया पर किया जा रहा जागरूक
देशभर के छात्रों तक पहुंचने के लिए सरकार, दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (DBSE) से संबद्ध होने वाले स्कूल के बारे में जानकारी साझा करने के लिए सोशल मीडिया पेजों का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि हम सोशल मीडिया के माध्यम से स्कूल के बारे में जागरूकता पैदा कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर टीज़र के माध्यम से स्कूल के बारे में विवरण भी साझा किया जा रहा है।
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वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) ने आप नेता के दावे का खंडन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 2021 में पहले ही देश का वर्चुअल स्कूल शुरू किया जा चुका है।
ऐसे काम करेगा यह स्कूल
- डीएमएसवी दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड (डीबीएसई) से संबद्ध होगा और उसके पाठ्यक्रम को संचालित करेगा।
- अंकतालिका और प्रमाणपत्र भी डीबीएसई प्रदान करेगा।
- डीबीएसई की अंकतालिका और प्रमाणपत्र अन्य बोर्ड के समकक्ष होंगे। इसलिए छात्र स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के पात्र होंगे।
- छात्रों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- बैच की संख्या छात्रों के पंजीकरण पर निर्भर करेगी।
- कक्षाएं स्कूलनेट और गूगल की ओर से तैयार एक विशेष प्लेटफार्म पर संचालित होंगी।
- छात्र पाठ्यक्रम के दौरान विषय या अवधारणा आधारित मूल्यांकन चुन सकते हैं। क्षमता आधारित मूल्यांकन होगा, जहां नकल करने की गुंजाइश नहीं के बराबर होगी।
- दो टर्म एंड परीक्षाएं होंगी, जिसके लिए छात्रों को दिल्ली आना होगा।
- परीक्षाएं दिल्ली में निर्धारित केंद्रों पर होंगी, जहां छात्र कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) दे सकते हैं।
- पहले साल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों से शिक्षकों का चयन किया गया है। उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
- कक्षा नौवीं में विज्ञान, हिंदी, गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान और कंप्यूटर साइंस विषय होंगे।
- पढ़ाई अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यम में होगी।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी विद्यार्थियों की मदद की जाएगी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, इसमें 11वीं और 12वीं में जेईई, नीट समेत ऐसे सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में भी बच्चों की मदद की जाएगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाएगा। अलग-अलग विषयों की अलग-अलग तैयारी करवाई जाएगी। इसमें स्किल आधारित तैयारी भी कराई जाएगी, ताकि बच्चे कुछ अलग कर पार्ट टाइम प्रोफेशन भी कर सकें।