केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक्सप्रेस-वे की तस्वीरें साझा की हैं। यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी परियोजना में से एक है। पीएम मोदी गुरुग्राम (हरियाणा) के सोहना से दौसा तक का उद्घाटन करेंगे।
जानें एक्सप्रेस-वे की खासियत
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होने जा रहा है, जिसकी लंबाई करीब 1400 किलोमीटर होगी। इस एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली से मुंबई का सफर 12 घंटों में किया जा सकेगा। फिलहाल ये दूरी तय करने के लिए 24 घंटों का समय लगता है। जानकारी के मुताबिक यह आठ लेन का एक्सप्रेस-वे होगा, जिसे भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली से होते हुए हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के रास्ते महाराष्ट्र पहुंचेगा।
हजरों करोड़ रुपये हुए खर्च
इस परियोजना के लिए 95 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्चा आ रहा है। नितिन गडकरी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, दिल्ली और हरियाणा से राजस्थान के कई हिस्सों तक पहले के मुकाबले सुगमता से पहुंचा जा सकेगा। इस परियोजना के लिए करीब 5 लाख टन स्टील का उपयोग हुआ है। साथ ही बताया गया है कि 35 लाख टन सीमेंट का उपयोग इस परियोजना के लिए किया गया है।
15 हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण
इसके बाद दिल्ली से मुंबई कार से पहुंचने में केवल 12 घंटे लगेंगे। फिलहाल 24 घंटे से अधिक समय लगते हैं। अभी दिल्ली से मुंबई की दूरी 1424 किमी है, जो एक्सप्रेस-वे बनने के बाद 1242 किमी हो जाएगी। सरकार ने पांच राज्यों से 15 हजार हेक्टेयर जमीन इस एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित की है।
औसतन 120 किलोमीटर की रफ्तार से वाहन चलेंगे। प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद दिल्ली-मुंबई से अलवर, दौसा, जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत सहित कई शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। पूरे रूट पर केवल दो ही टोल प्लाजा होंगे। दिल्ली की तरफ से नूंह जिले के गांव हिलालपुर में टोल प्लाजा बनाया गया है। दूसरा टोल प्लाजा मुंबई के नजदीक होगा।
90 से अधिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी
पूरे रूट पर एक्सप्रेस-वे के किनारे 90 से अधिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सुविधाओं में होटल, रेस्टोरेंट, अस्पताल, फूड कोर्ट, फ्यूल स्टेशंस आदि शामिल हैं। इसके साथ पार्किंग, गैरेज, वाणिज्यिक स्थान (कमर्शियल प्लेस) और लॉजिस्टिक पार्क सहित ट्रक चालकों के लिए सुविधाएं भी दी जा रही हैं। हेलीकाप्टर एंबुलेंस की सुविधा होगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग का कहना है कि डीवीएम एक्सप्रेस-वे अनूठा होगा।
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे पर कुल 40 से ज्यादा प्रमुख इंटरचेंज होंगे। वहीं, दिल्ली से जयपुर के बीच पांच इंटरचेंज होंगे। इसके अलावा तीन मीटर खाली जगह भी है, जिसमें ऑप्टिकल फाइबर केबल, पाइपलाइन और सौर ऊर्जा उत्पादन सहित जरूरी लाइनें बिछाई जाएंगी।
जल संचयन एक्सप्रेस-वे पर हर 500 मीटर के दायरे में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं। साथ ही एक्सप्रेस-वे के आसपास लाखों पेड़-पौधे भी लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा यहां एक स्वाचालिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम भी लगा है।
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ढाई घंटे में पहुंच जाएंगे दौसा
गांव अलीपुर (गुरुग्राम) से राजस्थान के दौसा की दूरी 220 किलोमीटर है। फिलहाल इतनी दूरी तय करने में लगभग पांच घंटे लग जाते हैं। 12 फरवरी के बाद केवल ढाई घंटे में कार से लोग यात्रा कर सकेंगे। अगले साल तक पूरा प्रोजेक्ट तैयार करने का लक्ष्य है।