Delhi-Mumbai Expressway: 6 राज्यों की कनेक्टविटी होगी बेहतर, आज PM देंगे सौगात; जानें एक्सप्रेस-वे की खासियत
Delhi-Mumbai Expressway दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश का अनूठा एक्सप्रेस-वे होगा। यह पहला एक्सप्रेस-वे होगा जिसमें 21 मीटर की मीडियन बनाई जा रही है। इससे लाभ यह होगा कि आवश्यकता पड़ने पर एक्सप्रेस-वे को आठ लेन से 12 लेन तक का किया जा सकेगा
By Aditya RajEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 12 Feb 2023 12:11 AM (IST)
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। Delhi-Vadodara-Mumbai Expressway। दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश का अनूठा एक्सप्रेस-वे होगा। यह पहला एक्सप्रेस-वे होगा, जिसमें 21 मीटर की मीडियन बनाई जा रही है। इससे लाभ यह होगा कि आवश्यकता पड़ने पर एक्सप्रेस-वे को आठ लेन से 12 लेन तक का किया जा सकेगा।
दिल्ली से मुंबई के बीच 30 से अधिक जगह पर फाइटर प्लेन तक उतारे जा सकेंगे। फाइटर प्लेन उतारने के लिए सड़क की सीधी लंबाई कम से कम तीन किलोमीटर और चौड़ाई कम से कम 20 मीटर होनी चाहिए। एक्सप्रेस-वे का दोनों भाग लगभग 20-20 मीटर चौड़ा है। 30 से अधिक भाग ऐसे हैं जिसकी सीधी लंबाई तीन किलोमीटर से अधिक है।
राष्ट्रीय राजधानी और आर्थिक राजधानी जुड़ेंगी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से आर्थिक राजधानी मुंबई के साथ ही कई शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर करने के उद्देश्य से 1380 किलोमीटर लंबे दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे (डीवीएम एक्सप्रेस-वे) का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण बेहतर तरीके से और जल्द से जल्द हो सके, इसके लिए इसे कई भागों में बांटा गया है।
गुरुग्राम जिले के गांव अलीपुर से लेकर राजस्थान के दौसा तक का भाग 15 फरवरी से चालू हो जाएगा। गुजरात में वडोदरा से लेकर मुंबई के बीच भी काफी तेजी से काम चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल तैयार हो जाएगा। अगले साल के अंत तक पूरा प्रोजेक्ट तैयार करने का लक्ष्य है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।छह राज्यों को जोड़ने वाला पहला एक्सप्रेस-वे
डीवीएम एक्सप्रेस-वे देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा दो या तीन नहीं बल्कि छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के शहरों की आपस में कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा। मुख्य रूप से दिल्ली और मुंबई से राजस्थान के अलवर, दौसा, जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल, उज्जैन, इंदौर, गुजरात के अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। एक्सप्रेस को नोएडा के जेवर एयरपोर्ट और मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से जोड़ा जा रहा है। एक्सप्रेस-वे से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली डीएनडी के नजदीक से सीधे तौर पर जुड़ेगी। वहां से लिंक रोड कालिंदीकुज से होते हुए पलवल जिले के मिंडकोला में आकर डीवीएम एक्सप्रेस-वे से मिल जाएगी।चार-चार किलोमीटर की दो सुरंग
वन्य जीवों का भी विशेष ध्यान रखा गया है। इसे ध्यान में रखकर ही आठ लेन की दो सुरंग बनाई जा रही है। राजस्थान में मुकुंदरा अभयारण्य के नीचे से चार किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। इसी तरह महाराष्ट्र के माथेरान पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसिटिव जोन) में भी चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। वन्य जीवों की आवाजाही के लिए पशु हवाई पुल (ओवरपास) बनाने पर जोर दिया जा रहा है।एक नजर में पूरा प्रोजेक्ट
- दिल्ली इलाके से प्रोजेक्ट का नौ किलोमीटर का हिस्सा पड़ता है, इसके ऊपर 1800 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- हरियाणा इलाके में कुल मिलाकर 160 किलोमीटर हिस्सा गुजरेगा, इसके ऊपर 10400 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- राजस्थान से होकर 374 किलोमीटर हिस्सा गुजर रहा है, इसके ऊपर 16,600 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- मध्यप्रदेश में 245 किलोमीटर पड़ेगा, इसके ऊपर 11,100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
- गुजरात में एक्सप्रेस-वे 423 किलोमीटर से होकर गुजरेगा, इसके ऊपर 35,100 करोड़ रुपये खर्च होंगे
- महाराष्ट्र में 171 किलोमीटर का हिस्सा गुजरेगा, इसके ऊपर 23, 000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान।
एक्सप्रेस-वे से होगा लाभ
- देश का पहला आठ लेन का एक्सेस कंट्रोल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे होगा।
- छह राज्यों के कई शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी।
- दिल्ली से मुंबई पहुंचने में 24 की बजाय केवल 12 घंटे लगेंगे।
- 1380 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर केवल दो टोल प्लाजा होंगे।
- प्रोजेक्ट से दिल्ली से मुंबई की दूरी 130 किलोमीटर कम हो जाएगी।
- प्रति वर्ष 32 करोड़ लीटर से अधिक ईंधन की बचत होने की उम्मीद।
- ईंधन की बचत से कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन में भारी कमी की उम्मीद
- एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 40 लाख से अधिक पौधे लगाए जाने की योजना।
- 500 मीटर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम करने से जल संचयन होगा।