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Delhi: अवैध कॉलोनियां बसने से परेशान नगर निगम, एक सप्ताह में ढहाए 240 से ज्यादा अवैध निर्माण; अभी भी चल रहा बुलडोजर

Delhi News कभी दिल्ली में अवैध कॉलोनियों की संख्या गिनी चुनी होती थी लेकिन अब आलम यह है कि राजधानी में दो हजार अवैध कॉलोनियां हैं और इनमें 50 लाख से ज्यादा की आबादी रहती है। प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती पहले इन कॉलोनियों में बिजली पानी और सड़क सीवर के साथ ही साफ-सफाई की व्यवस्था उपलब्ध कराना है।

By Nihal Singh Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 09 Jan 2024 07:44 PM (IST)
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डेरा मांडी इलाके में अवैध कॉलोनी बसाने के उद्देश्य से किए गए अवैध निर्माण को गिराता निगम का दस्ता।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। कभी दिल्ली में अवैध कॉलोनियों की संख्या गिनी चुनी होती थी, लेकिन अब आलम यह है कि राजधानी में दो हजार अवैध कॉलोनियां हैं और इनमें 50 लाख से ज्यादा की आबादी रहती है। प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती पहले इन कॉलोनियों में बिजली, पानी और सड़क, सीवर के साथ ही साफ-सफाई की व्यवस्था उपलब्ध कराना है। साथ ही इन कॉलोनियों को नियमित करने में आ रही परेशानी भी है।

यही वजह है कि इन कॉलोनियों के नियमतीकरण की प्रक्रिया के साथ-साथ निगम अब कृषि भूमि पर कोई भी नई कॉलोनी नहीं बसने देना चाहता है। अवैध निर्माण के खिलाफ चल रहे अभियान का भी यही उद्देश्य हैं। निगम ने एक सप्ताह में 240 से ज्यादा अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 69 एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करा दिया है।

निगम के अभियान के तहत दो जनवरी से आठ जनवरी तक 201 अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई हुई। इसमें 41 संपत्तियों को सील किया गया और 60 एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया। इसमें 25 ऐसे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की गई जो अवैध कॉलोनियां बसाने के लिए की गई थी।

मंगलवार को दिल्ली नगर निगम ने 42 अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का कार्य किया। इसमें से दो संपत्ति को सील किया गया। सात स्थानों पर यह अभियान चला। इसमें अवैध कॉलोनी बसाने के उद्देश्य से बनाई गई संपत्तियों को ध्वस्त किया गया।इससे निगम ने नौ एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया।

बाहरी और दक्षिणी दिल्ली में है ज्यादा दिक्कत

निगम ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने का ऐलान तो किया ही है। साथ ही बताया है कि सर्वाधिक अवैध कॉलोनियां बसाने की शिकायतें बाहरी और दक्षिणी दिल्ली में आ रही है। यही वजह है कि जो कार्रवाई चल रही है उसमें डेरा मांडी, भाटी, वसंत कुंज, आया नगर, छत्तरपुर, बुराड़ी, सिरसपुर, भलस्वा, स्वरूप नगर, ढिचाउं कलां, दीनदरपुर, बाबा हरीदास नगर, नरेला, बख्तावरपुर,मुंडका, होलंबी खुर्द, लामपुर, बवाना जैसे इलाके शामिल हैं।

मास्टर प्लान के अनुसार हर साल चाहिए एक ड्रवैलिंग यूनिट बनानी चाहिए

दिल्ली में मास्टर प्लान 2021 लागू हैं। इसके तहत दिल्ली में बढ़ने वाली आबादी के हिसाब से एक लाख ड्रवैलिंग यूनिट (रिहायशी संपत्तियां) की जरुरत हैं लेकिन राजधानी की हालत यह है कि मात्र 10-12 हजार ही ड्रवैलिंग यूनिट बन रही है। बाकि शेष 90 हजार ड्रवैलिंग यूनिट की भरपाई यह अनधिकृत कॉलोनियां करती है। लोगों के परिवारों के बढ़ने के साथ ही दूसरे राज्यों से व्यवसाय व अन्य कारणों की वजह से यहां बसने वालों की संख्या बढ़ रही है।

ऐसे में लोग किराये या अपनी संपत्ति पर रहने के लिए मजबूर है। इन अनधिकृत कॉलोनियों में 10-12 लाख में 25 और 50 गज के प्लाट मिल जाते हैं। इससे लोग सस्ते प्लाट के लालच में इन कॉलोनियों में संपत्ति खरीदते हैं।

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