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Delhi: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित अधिकारी ने किया भरोसो का कत्ल, ढाई साल तक घुटती रही पीड़िता

Delhi दोस्त की नाबालिग बेटी को डरा-धमकाकर कई महीने तक दुष्कर्म करने के आरोपित दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत उपनिदेशक प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी सीमा रानी को उत्तरी जिला पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने सीमा रानी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया जबकि प्रेमोदय को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Tue, 22 Aug 2023 09:39 AM (IST)
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Delhi: नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपित अधिकारी ने किया भरोसो का कत्ल।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दोस्त की नाबालिग बेटी को डरा-धमकाकर कई महीने तक दुष्कर्म करने के आरोपित दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत उपनिदेशक प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी सीमा रानी को उत्तरी जिला पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों को बुराड़ी के शक्ति एन्क्लेव स्थित फ्लैट से गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने सीमा रानी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया, जबकि प्रेमोदय को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी। आरोप है कि खाखा की पत्नी सीमा किशोरी के साथ मारपीट करती थी और पीड़िता को गर्भ ठहरने पर गोलियां खिलाकर गर्भपात करा दिया था। इस मामले में बुराड़ी थाना पुलिस ने 11 अगस्त को मामला दर्ज किया था।

ऐसे हुआ खुलासा

पीड़िता अक्टूबर, 2020 में अपने पिता की मौत के बाद थोड़ी परेशान थी, जिसका फायदा उठाकर आरोपित ने उसके साथ कई बार हैवानियत की। इससे वह ढाई साल तक घुट-घुट कर जीती रही। इस सबसे तंग आकर किशोरी ने आत्महत्या करने की मन बना लिया, लेकिन सात अगस्त को एंजाइटी अटैक आने पर पीड़िता को सेंट स्टीफंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इसके बाद पीड़िता ने काउंसलिंग के दौरान अपने साथ हुई हैवानियत का खुलासा किया, जिस पर डॉक्टरों की टीम ने इसकी सूचना पुलिस को दी और पुलिस ने आरोपित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। 

उपचार कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता मानसिक तौर पर इतनी परेशान हो चुकी है कि उसके मन में आत्महत्या की प्रवृत्ति भी आ गई थी।

मामले में अब तक क्या-क्या हुआ

  • पीड़िता को पैनिक अटैक आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बच्ची ने डॉक्टरों को आप बीती सुनाई।
  • 11 अस्तगत के दिल्ली पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की।
  • दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस।
  • घटना के सामने आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपनिदेश को सस्पेंड करने का आदेश दिया और मुख्य सचिव से शाम तक रिपोर्ट भी मांगी।
  • पीड़िता से मिलने पहुंचीं स्वाति मालीवाल, सुरक्षाकर्मियों ने रोका तो अस्पताल में धरने पर बैंठीं।
  • आरोपित की गिरफ्तार के लिए पुलिस उसके बुराड़ी स्थित घर पहुंची, जहां टीम ने परिवार के सदस्यों से पूछताछ की।
  • डीसीपी उत्तरी जिला सागर सिंह कलसी का कहना है कि 17 वर्षीय पीड़िता के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
  • मुख्य सचिव ने अधिकारी को किया निलंबित।
  • पुलिस ने देर शाम आरोपित को बुराड़ी के शक्ति एन्क्लेव स्थित फ्लैट से पत्नी सहित गिरफ्तार किया। 
  • पुलिस ने सीमा रानी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया, जबकि प्रेमोदय को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी।
  • मुख्यमंत्री को सोमवार शाम तक नहीं मिली मामले की रिपोर्ट

इस घटना के सामने आने के बाद आप और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी के कई नेता ने मीडिया से बात करते हुए बिना नाम लिए भाजपा पर निशाना साधा तो वहीं, प्रदेश भाजपा की मंत्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि महिलाओं व बच्चों को सुरक्षा व संरक्षण देने का काम जिस विभाग पर है, उसके अधिकारी ने अक्षम्य अपराध किया है।

उधर, आम आदमी पार्टी का कहना है कि जब आरोपित के खिलाफ 11 अगस्त को ही मामला दर्ज कर लिया गया था तब उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। भाजपा नेता बताएं कि किसके दवाब में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। कौन आरोपित को बचा रहा था।

लगातार दुष्कर्म से खराब हुई किशोरी की मानसिक स्थित

लगातार दुष्कर्म और गर्भपात से किशोरी की मानसिक दशा काफी खराब हो गई है। सात अगस्त को एंजाइटी अटैक आने पर पीड़िता को सेंट स्टीफंस अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी। दो तीन दिन तक वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। इसके बाद उसने डाक्टरों को बताया तो पुलिस को जानकारी दी गई।

डॉक्टरों ने पीड़िता के स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए पुलिस को कहा था कि मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता का बयान दो हफ्ते बाद दर्ज किया जाए। किशोरी का इलाज करने वाले डाक्टरों ने बताया कि किशोरी शांत स्वभाव की है।

पिता के निधन के बाद वह पहले से ही मानसिक तनाव में थी, इसके बाद उसके साथ जो हुआ, उससे वह पूरी तरह टूट चुकी थी। गर्भपात के बाद से वह मानसिक तौर पर और बीमार होती चली गई। उसे हर समय चिंता, भय, सदमा आदि लगा रहता था।

इसकी वजह से उसके दिल की धड़कन तेज हो गई थी और सांस लेने में तकलीफ होती थी। काउंसलिंग के दौरान पीड़िता बार-बार मामू-मामू (आरोपित प्रेमोदय खाखा को वह इसी संबोधन से बुलाती थी) बोला करती थी।

महिला एवं बाल विकास विभाग में अहम पदों पर रहा है आरोपित

दिल्ली सरकार के जिस विभाग का काम महिला और बच्चों को न्याय दिलाना है, उसी विभाग का उपनिदेशक प्रेमोदय खाखा कई महीने तक अपने दोस्त की नाबालिग बेटी की आबरू लूटता रहा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्रेमोदय महिला एवं बाल विकास विभाग में कई अहम पदों पर रहा है। वह मुखर्जी नगर स्थित बाल सुधार गृह का इंचार्ज रह चुका है।

वह कानून का जानकार है ऐसे में विभाग में कानूनी समन्वय का काम भी देख रहा था। प्रेमोदय खाखा को आठ अगस्त को महिला एवं बाल विकास विभाग के उत्तरी जिले में जिले का अधिकारी नियुक्त किया गया था। विभाग के सूत्रों का कहना है कि आरोपित विभाग में लड़कियों पर बुरी नजर रखता था। हालांकि पुलिस से इसकी शिकायत नहीं मिली है।

मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपित प्रेमोदय और उसकी पत्नी अपराध स्वीकार नहीं कर रहे हैं। वहीं पीड़िता अपने बयान पर अडिग है।

पढ़ाई पर पड़ा असर

नवंबर 2020 से जनवरी 2021 तक आरोपित किशोरी को डरा धमका कर दुष्कर्म करता रहा। तब वह कक्षा नौ में पढ़ाई कर रही थी। फरवरी 2021 के अंत में उसे गर्भवती होने का पता चला। तब उसकी आयु 14 वर्ष थी। मार्च में किशोरी ने आरोपित की पत्नी सीमा रानी को पूरी बात बताई।

इस पर सीमा ने किशोरी की पिटाई की और चुप रहने की धमकी दी। अपने बेटे की मदद से गर्भपात की दवा मंगाकर उसे खिला कर गर्भपात करा दिया। इसके बाद से किशोरी का स्वास्थ्य काफी खराब रहने लगा। बहुत ज्यादा परेशान हो जाने पर किशोरी अप्रैल 2021 में अपनी मां के पास चली आई।

यौन शोषण का असर किशोरी के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा। इससे वह पढ़ाई में लगातार पिछड़ती चली गई। कोरोना महामारी के दौरान जब वह उपनिदेशक के घर रहने गई तब ऑनलाइन कक्षाएं चल रही थीं। यौन शोषण के कारण दिसंबर में परीक्षा में उसके अंक कम आए।

पुलिस का क्या है कहना

पुलिस का कहना है कि प्रेमोदय खाखा 1998 बैच का एक्स कैडर (जिस विभाग में काम कर रहे हैं, उसी में हमेशा तैनात रहने वाले) का अधिकारी है। पहले महिला एवं बाल विकास विभाग में बतौर वेलफेयर अधिकारी उसकी तैनाती हुई थी। वर्तमान में वह सहायक निदेशक के पद पर था, लेकिन काम उपनिदेशक का कर रहा था।

किशोरी के माता-पिता की 2002 में शिक्षक पद पर नियुक्त हुई थी। इस दौरान बुराड़ी के चर्च में उनकी आरोपित से मुलाकात हुई। पीड़ित और आरोपित मूलत झारखंड के रांची के रहने वाले हैं। ऐसे में दोनों परिवारों में घनिष्ठता हो गई। प्रेमोदय किशोरी की मां को बहन कहता था। दोनों परिवारों के बीच अच्छे संबंध बन गए।

किशोरी का जन्म 2006 में हुआ था। अक्टूबर 2020 में किशोरी के पिता का कोरोना से निधन हो गया तो वह मानसिक तौर काफी परेशान रहने लगी। किशोरी की मां यह सोच कर आरोपित के घर किशोरी को रखने के लिए सहमत हो गई कि वहां आरोपित के दो बच्चों के साथ उसका मन लगा रहेगा।

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