Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, जानें अगले हफ्ते तक कैसा रहेगा पॉल्यूशन का स्तर
Air pollution In Delhi NCR दीपावली के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता (AQI) रविवार को बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। आज सुबह एक्यूआई 350 रिकॉर्ड किया गया है।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Air pollution In Delhi NCR: दिल्ली-एनसीआर में दीपावली के बाद एक बार फिर प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के चलते लोगों को आंखों में जलन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसका धुआं दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहा है। आज रविवार को भी स्माग की परत छाई हुई है। इससे पहले शनिवार को दिल्ली-एनसीआर देश में सबसे प्रदूषित स्थान में दर्ज किया गया।
बुजुर्गों व बच्चों को बाहर न जाने की सलाह
प्रदूषण के बढ़ते स्तर के चलते चिकित्सकों ने सुबह के वक्त बुजुर्गों और बच्चों को बाहर न जाने की सलाह दी है। इसके साथ ही सांस के मरीजों को विशेष तौर पर सतर्क रहने की बात कही गई है। बता दें कि बीते शनिवार को राजधानी में प्रदूषण का स्तर 397 पहुंच गया, यह इस सीजन का सबसे अधिक है। वहीं एनसीआर में 350 से 400 के बीच प्रदूषण का स्तर दर्ज किया गया।
फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक और इसके बाद दूसरे स्थान पर दिल्ली रहा। स्थिति यह है कि दिल्ली में 24 घंटे का औसत एयर इंडेक्स भले ही गंभीर श्रेणी से चार पायदान नीचे बेहद खराब श्रेणी में उच्च स्तर पर रहा, लेकिन आधी से ज्यादा दिल्ली में हवा गंभीर श्रेणी में रही। इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 357 था।
लोगों के लिए सलाह
सार्वजनिक परिवहन और साइकिल का इस्तेमाल करें।
ठंड से बचने के लिए कोयला और लकड़ी न जलाएं।
ठंड से बचाव के लिए सुरक्षा गार्डों को इलेक्ट्रिक हीटर मुहैया कराएं।
ग्रेप का तीसरा चरण लागू, निर्माण कार्य, ईंट-भट्ठे व हाट मिक्स प्लांट बंद रहेंगे
सोमवार से अगले 6 दिनों तक दिल्ली में एक्यूआइ 401 से ज्यादा रह सकता है। इस बीच शनिवार शाम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने आपात बैठक कर दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप का तीसरा चरण लागू कर दिया। इसके तहत निर्माण कार्य, तोड़फोड़, ईंट-भट्ठे, हाट मिक्स प्लांट आदि के संचालन पर प्रतिबंध रहेगा। वहीं स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल नहीं करने वाले औद्योगिक इकाइयों को बंद कराया जाएगा।
प्रतिबंध से इन्हें रहेगी छूट
रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, आइएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा, डिफेंस, राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं, अस्पताल, सड़क, सीवरेज शोधन संयंत्र, जलापूर्ति की परियोजनाएं, दूध, डेरी उत्पाद, दवा, चिकित्सा उपकरण से जुड़ी इकाइयां।