Air Pollution: अस्पतालों में एकदम बढ़े मरीज, 12वीं तक के स्कूल बंद; SC की मंजूरी के बगैर नहीं हटेगा ग्रेप-4
दिल्ली-NCR में प्रदूषण का कहर जारी है। सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 494 दर्ज किया गया जो अति गंभीर श्रेणी में है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। अस्पतालों में सांस आंख और छाती में जकड़न के मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। त्वचा रोग के मरीजों की संख्या में भी 10 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है।
जागरण संवाददाता, जागरण टीम। दिल्ली-NCR में प्रदूषण बढ़ने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई 494 दर्ज किया गया, जो अति गंभीर श्रेणी में है। 18 नवंबर को दिल्ली के सभी इलाके रेड जोन में दर्ज किए गए। वहीं, ग्रेप-4 भी दिल्ली में सोमवार से लागू हो गया। वहीं, दिल्ली-एनसीआर के 12वीं तक के स्कूल बंद रहेंगे और ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जाएंगी।
इसके अलावा चौथा चरण देर से लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की ओर से गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम, CAQM) को फिर जमकर फटकार लगाई और कहा अब बगैर उनकी अनुमति के दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से ग्रेप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, GRAP) नहीं हटेगा। भले ही एक्यूआइ 450 से नीचे आ जाए।
दिल्ली में सोमवार कितना रहा एक्यूआई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के मुताबिक सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 494 दर्ज किया गया। यह अति गंभीर श्रेणी में था। साथ ही यह इस सीजन का ही नहीं बल्कि पांच साल में सर्वाधिक एक्यूआई है। इससे पूर्व तीन नवंबर 2019 को दिल्ली का एक्यूआई 495 रिकार्ड हुआ था। सोमवार को प्रदूषण इस हद तक था कि दिल्ली के सभी क्षेत्र ही नहीं बल्कि एनसीआर के तमाम शहर भी रेड जोन में ही रहे।
सांस, आंख और छाती में जकड़न के मरीज
प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद सोमवार से राजधानी में ग्रेप-4 लागू हो गया। यमुनापार के दिलशाद गार्डन में जीटीबी और स्वामी दयानंद अस्पताल हैं, जिनमें प्रदूषण से प्रभावित होकर लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। स्वामी दयानंद अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि सांस, आंखों में जलन व छाती में जकड़न के मरीजों की संख्या 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है।त्वचा रोग के मरीज भी पहुंच रहे
डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान में त्वचा रोग की ओपीडी में 195 व मेडिसिन ओपीडी में 367 लोग पहुंचे। त्वचा रोग के चिकित्सक ने बताया कि प्रदूषण के संपर्क में आने वाली त्वचा पर लाल धब्बे व खुजली के मरीज 10 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।
इसी क्रम में चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय व लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल की ओपीडी में भी अन्य बीमारियों की तुलना में खांसी, आंखों में लालपन, जुकाम, गले में खराश के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बच्चे इस वजह से ज्यादा होते हैं प्रभावित
चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के एक बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि बच्चों की श्वास नली पतली होती है, इस वजह से वह प्रदूषण से अधिक व जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। बाहरी दिल्ली के तीन प्रमुख अस्पतालों में सप्ताहभर पहले और आज के आंकड़ों में 20 से लेकर 25 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। इस हालिया बढ़ोतरी में बड़ी संख्या बुजुर्ग और बच्चों की है। ये भी पढ़ें- School Close: दिल्ली के बाद नोएडा-गाजियाबाद में स्कूल बंद, ऑनलाइन कक्षाएं चलान का आदेश9-10 दिन में बढ़ी मरीजों की संख्या
रोहिणी के आंबेडकर अस्पताल की ओपीडी में तीन सप्ताह पहले एलर्जी, सांस-दमा पीड़ितों की संख्या सौ के आसपास थी। 10-12 दिन पहले यह संख्या 130-140 थी, आज यह 170-180 तक पहुंच गई। मंगोलपुरी के संजय गांधी अस्पताल में भी ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। एक चिकित्सक ने बताया कि यहां भी सांस, दमा व एलर्जी के मरीजों की संख्या में 15-20 प्रतिशत वृद्धि नजर आ रही है। यह संख्या पिछले कुछ दिन से बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि इलाज लेने वालों में बुजुर्ग व बच्चों की संख्या ज्यादा है।अस्पतालों में एक दम बढ़े मरीज
आईपीडी में भी अधिकांश मरीज इसी आयु वर्ग के मरीज के हैं। गंभीर स्थिति के कारण इन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। लोक नायक अस्पताल की इमरजेंसी में 15 प्रतिशत मरीज बढ़े हैं। मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। इसी तरह इंदिरा गांधी अस्पताल, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। यहां इमजरजेंसी के साथ ओपीडी में मरीज आ रहे हैं और कई को आक्सीजन लगानी पड़ रही है। अंबेडकर अस्पताल और मदन मोहन मालवीय अस्पताल में मरीज बढ़ रहे हैं।नरेला होम्योपैथी संस्थान की ओपीडी भी बढ़ी
एलर्जी, सांस-दमा से पीड़ित लोग होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से भी इलाज ले रहे हैं। नरेला स्थित राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान की ओपीडी में भी बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। संस्थान के प्रभारी डॉ. सुभाष चौधरी ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने के बाद ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। सप्ताहभर के दौरान ओपीडी में एलर्जी, सांस-दमा से पीड़ितों की संख्या में करीब 25 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। सोमवार को डेढ़ सौ से ज्यादा लोग दवा लेने पहुंचे। यह संख्या हर रोज दो से तीन प्रतिशत बढ़ रही है।इलाज के साथ-साथ जागरूकता भी
राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान में इलाज के साथ-साथ मरीजों व तीमारदारों को जागरूक भी किया जा रहा है। ओपीडी के दौरान मरीजों व तीमारदारों को प्रदूषण से बचाव के बारे में बताया। संस्थान के प्रभारी डा. सुभाष चौधरी ने कहा कि जितनी अपने आसपास सफाई होगी, उतना ही प्रदूषण कम होगा। एलर्जी और जुकाम-खांसी पीड़ित को अनिवार्य रूप से मास्क लगाना चाहिए। अनावश्यक मास्क नहीं लगाना चाहिए। खांसी, जुकाम, गला खराब, बुखार है तो तुरंत चिकित्सक से दवा लें। सड़क पर सैर न करें। पार्क के भीतर घुमना व योग करना ठीक है। विटामिन-सी पर्याप्त मात्रा में लें। इस अवसर पर चिकित्सक डॉ. जितेंद्र कुमार के अलावा स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे।ये भी पढ़ें- Delhi Air Pollution: AQI के आंकड़ों पर सवालों के घेरे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नहीं बताता पूरी सच्चाईघर से बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं
- 60 से अधिक उम्र के सांस-दमा के गंभीर मरीजों को फ्लू वैक्सीन लगवा सकते हैं
- एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें
- इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन-सी जरूरी है।पर्याप्त मात्रा में संतरा-आंवला व रेशेदार फल का सेवन करें
- नियमित रूप से हाथ धोएं