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नशे का धंधा करने वालों के लिए हमेशा हाटस्पाट रहा दिल्ली-एनसीआर, कई देशों से तस्करी से पहुंचती हैं नशीली चीजें

नशे की ओर देख रही राजधानी को संजीदगी वापस की है। कोरोना काल में भी पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर बड़ी संख्या में तस्करों पर शिकंजा कसा है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिश्वाल ने बताया दिल्ली-एनसीआर नशे का धंधा करने वालों के लिए हमेशा से हाटस्पाट रहा है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Tue, 29 Jun 2021 04:11 PM (IST)
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दिल्ली-एनसीआर नशे का धंधा करने वालों के लिए हमेशा से हाटस्पाट रहा है।
नई दिल्ली, धनंजय मिश्रा। दिल्ली पुलिस ने नशे के सौदागरों पर जमकर कार्रवाई की है। नशे की ओर देख रही राजधानी को संजीदगी वापस की है। कोरोना काल में भी पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर बड़ी संख्या में तस्करों पर शिकंजा कसा है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिश्वाल ने बताया दिल्ली-एनसीआर नशे का धंधा करने वालों के लिए हमेशा से हाटस्पाट रहा है। कई राज्यों की सीमाएं राजधानी से मिलती हैं। इसलिए यह तस्करों के केंद्र में रहती है। पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि ड्रग माफिया शराफत शेख के खिलाफ एक साल तक जेल में रहने का आदेश है जो प्रीवेंशन आफ इल्लिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक्स ड्रग एंड साइकोट्रापिक सब्सटेंस एक्ट-1988 (पीआईटीएनडीपीएस एक्ट) के तहत है।

यहां से होती है राजधानी में विभिन्न नशीले पदार्थों की तस्करी-गांजा:

गांजा दिल्ली-एनसीआर में सबसे सस्ता और सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला नशीला पदार्थ है। इसकी तस्करी मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, मणिपुर और नेपाल से होती है।

चरस, अफीम, हशीश

इसकी तस्करी हिमाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और झारखंड से की जाती है।

हेरोइन, स्मैक:

इसकी तस्करी मुख्य रूप से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और म्यांमार से होती है। म्यांमार से तस्कर पहले इसे यूपी के बरेली और बदायूं लेकर आते हैं। वहीं पाकिस्तान और अफगानिस्तान से तस्कर पहले पंजाब के अमृतसर लाते हैं। यहां से फिर दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में भेजा जाता है।- कोकीन: इसे बनाने के लिए जरूरी सामग्री पश्चिमी अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका से आता है। उसके बाद देश में रह रहे नाइजीरियन मूल के लोग सामग्री से कोकीन बना कर उसकी तस्करी करते हैं।

पार्टी ड्रग

यह मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार की दवाइयां होती हैं। अधिक दर्द होने व नींद नहीं आने पर मरीजों को दी जाती हैं। इन दवाइयों को बनाने के मुख्य घटकों में अफीम की मात्रा अधिक होती है।

ये हैं हाट स्पाट

सुल्तानपुरी, जहांगीरपुरी, इंद्रपुरी, सागरपुर, उत्तम नगर, लक्ष्मी नगर, नंद नगरी, द्वारका, छतरपुर, निजामुद्दीन, मजनू का टीला, पहाड़गंज, कल्याणपुरी, हौज खास गांव, खानपुर।

पार्टी ड्रग के रूप में इन दवाओं का भी इस्तेमाल

ट्रामाडोल टेबलेट।

- कोडेन सीरप।

- केटामाइन टेबलेट।

- मेथेम्फेटामाइन टेबलेट।

कार्रवाई पर एक नजर

वर्ष------------------मामले---------------गिरफ्तारी

2021----------------235-----------------351

2020----------------748-----------------912

2019----------------712-----------------909

2018----------------507-----------------677

2017----------------376-----------------512

नोट : वर्ष 2021 के आंकड़े 15 जून तक के हैं ।

आरोपितों से बरामद नशीले पदार्थ

वर्ष-----------नशीले पदार्थ (गांजा,अफीम, हशीश, हेरोइन कोकीन,चरस)---------------------पार्टी ड्रग (दवाइयां) 2021-------------------------------------5592--------------------------------------------420000

2020-------------------------------------5231-----------------------------------------822054

2019-------------------------------------7858---------------------------------------553329

2018-------------------------------------6119--------------------------------------332897

2017-------------------------------------8189---------------------------------------1521

नोट: सभी नशीले पदार्थ किलोग्राम में व दवाइयों की संख्या टेबलेट में हैं।

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