Delhi Pollution: ठंड और प्रदूषण की मार झेल रही दिल्ली, एनसीआर में भी लोगों का हुआ बुरा हाल
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और ठंड की दोहरी मार जारी है। शीतलहर के साथ-साथ कोहरा और वातावरण में जमी प्रदूषण की परत राजधानी को किसी गैस चैंबर की तरह बना रहे हैं। दिल्ली में सोमवार को प्रदूषण के स्तर में आंशिक सुधार हुआ। परंतु आज फिर से वाय गुणवत्ता इंडेक्स में उछाल देखा गया। राजधानी के कई इलाकों में तड़के एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया है।
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और ठंड की दोहरी मार जारी है। शीतलहर के साथ-साथ कोहरा और वातावरण में जमी प्रदूषण की परत राजधानी को किसी गैस चैंबर की तरह बना रहे हैं। दिल्ली में सोमवार को प्रदूषण के स्तर में आंशिक सुधार हुआ।
इस वजह से एयर इंडेक्स घटकर 400 से कम हो गया है। इससे तीन दिन बाद दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी से घटकर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई, लेकिन हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में उच्च स्तर पर बने होने के कारण प्रदूषण बहुत ज्यादा राहत नहीं मिली है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार मंगलवार को भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रही। सोमवार की अपेक्षा आज भी दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया। राजधानी के कई इलाकों में तड़के एक्यूआई 410 दर्ज किया गया है।
इन इलाकों की हवा बेहद खराब
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की माने तो मंगलवार सुबह दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 350 से 420 तक पाया गया है। प्रदूषण की इस श्रेणी को बेहद खराब से खराब स्थिति में रखा जाता है। वहीं, कुछ ऐसे इलाके भी हैं, जहां कि हवा सांस लेने लायक तो बिल्कुल नहीं है।
- आनंद विहार- 386
- अशोक विहार-385
- बवाना-376
- जहांगीरपुरी 417
- शादीपुर-388
एनसीआर में भी बुरा हाल
हरियाणा और उत्तर प्रदेश के इलाकों में भी प्रदूषण के साथ-साथ ठंड भी अपने तेवर दिखा रही है। गाजियाबाद का औसत एयर इंडेक्स 320 दर्ज किया गया, नोएडा में भी यही स्थिति बनी हुई है। एनसीआर में प्रदूषण का स्तर और भी ज्यादा बढ़ गया है। वहीं हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी प्रदूषण और ठंड एक साथ कहर बरपा रही है।
वाहनों से भी हो रहा प्रदूषण
ऐसा माना जा रहा था कि पराली प्रदूषण का मुख्य कारण है। वाहनों से निकलने वाला धुआं वायु को सबसे ज्यादा प्रदूषित करता है, बावजूद इसके वाहन चालक बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के अपने वाहनों को राजधानी की सड़कों पर दौड़ा रहे हैं।
दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा लगातार इसको लेकर काईवाई की जा रही है। कार्रवाई के आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में प्रदूषण प्रमाण पत्र बिना चालान किए गए वाहनों की संख्या 46 प्रतिशत अधिक है। गत वर्ष 15 अक्टूबर तक 108100 चालान किए गए थे जबकि इस वर्ष 158762 चालान किए गए हैं।
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