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NDMC Budget 2024-25: विकसित भारत की थीम पर तैयार बजट, पर्यावरण, स्वच्छता और तकनीक पर जोर

NDMC के अनुसार कर्मचारी अभी चार पहिया वाहनों का उपयोग शिकायत निवारण के लिए उपयोग करते हैं। हमारी योजना है कि हम ई-बाइक अपने कर्मियों को देंगे। इससे शिकायत निवारण के लिए कर्मियों के पहुंचने वाला समय भी कम होगा। अभी एक शिकायत के लिए एक वाहन एक चालक और हेल्पर और तकनीक विशेषज्ञ जाता है। लुटियंस दिल्ली का सीवरेज सिस्टम करीब 90 वर्ष पुराना है।

By Nihal Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 28 Dec 2023 08:58 AM (IST)
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90 साल पुराने सीवरेज सिस्टम को सुधारेगी एनडीएमसी, स्कूलों में होगी बैगलैस पढ़ाई (Photo-@tweetndmc)
निहाल सिंह, नई दिल्ली। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) चेयरमैन अमित यादव ने काउंसिल की बैठक में वर्ष 2023-24 के लिए 4568.21 करोड़ के व्यय अनुमान की अपेक्षा में 4829.36 करोड़ रुपये संशोधित बजट अनुमान पेश किए।

विकसित भारत की संकल्पना के साथ बजट पेश

वर्ष 2024-25 के लिए 5069.63 की आय और 4888.93 करोड़ रुपये का व्यय की उम्मीद जताई। यह पहला मौका है कि एनडीएमसी बजट अनुमान पांच हजार करोड़ या उससे अधिक पहुंचे हैं। बजट को वर्ष 2047 के अनुरूप विकसित भारत की संकल्पना के साथ पेश किया गया है।

इसमें शिक्षा का स्तर सुधारने और पर्यावरण हितेषी कदमों को उठाने पर जोर दिया है। इसमें फील्ड कर्मियों को शिकायतों के निवारण के लिए बड़े वाहनों की अपेक्षा में इलेक्ट्रिक बाइक उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

साथ ही एनडीएमसी पर्यावरण को सुधारने के लिए ग्रीन बोंड जारी करने के साथ ही कार्बन और ग्रीन क्रेडिट की दिशा में काम करने का भी निर्णय लिया है। इतना ही एनडीएमसी पर बढ़ते जनसंख्या के बोझ को देखते हुए करीब 90 वर्ष पुराने सीवरेज सिस्टम को भी सुधारने की योजना बनाई है।

भारत@2047 का विषय पर फोकस रखा गया बजट 

काउंसिल में बजट पेश करने के बाद एनडीएमसी चेयरमैन अमित यादव ने मीडिया से बात कर बजट के प्रमुख बिंदुओं की चर्चा की। अमित यादव ने कहा कि एनडीएमसी ने वित्त वर्ष 2024-25 में बेहतर प्रशासन के लिए प्रणालीगत संरचनात्मक हस्तक्षेप विकसित भारत @ 2047 का विषय पर बजट को फोकस रखा है।

इसमें संपत्तिकर से राजस्व को बढ़ाने के लिए डिफ्लाटर संपत्तिमालिकों की रियलटाइम निगरानी के लिए संपत्तियों की जीयो टैंगिग करने के साथ ही रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को दस करोड़ रुपये के फंड आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत आरडब्ल्यूए व मार्केट एसोसिएशन की पहल को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही एनडीएमसी ने वर्षा जल संचयन पर भी जोर देने की बात कही है।

साथ ही कुशक नाले के पानी को शोधित करने के बाद ही यमुना में जाने और शोधित किए गए जल को सिंचाई के लिए उपयोग करने का निर्णय लिया है। पांचवी कक्षा के स्कूलों को बैगलैस करने के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा निति को लागू करने के लिए भी ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है।इसके साथ ही स्वच्छता के मद्देनजर नजर एक दिन एक सड़क अभियान के तहत प्रतिदिन एक सड़क को साफ किया जा रहा है।

ई-बाइक से शिकायत निवारण का समय होगा कम

एनडीएमसी के अनुसार कर्मचारी अभी चार पहिया वाहनों का उपयोग शिकायत निवारण के लिए उपयोग करते हैं। हमारी योजना है कि हम ई-बाइक अपने कर्मियों को देंगे। इससे शिकायत निवारण के लिए कर्मियों के पहुंचने वाला समय भी कम होगा।

अभी एक शिकायत के लिए एक वाहन, एक चालक और हेल्पर और तकनीक विशेषज्ञ जाता है। ऐसे में चार लोगों की बजाय सीधे दो लोग ही बाइक से जाएंगे तो समय भी कम लगेगा और संसाधन भी कम लगेंगे। अधिकारी के अनुसार ई-बाइक व्यवस्था को लागू करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो गई है। जल्द ही निविदा कर इसे लागू किया जाएगा।

केंद्र सरकार को भेजा 556 करोड़ का प्लान

लुटियंस दिल्ली का सीवरेज सिस्टम करीब 90 वर्ष पुराना है। इस सीवरेज सिस्टम को जरुरत के हिसाब से बदलने के लिए 556 करोड़ की परियोजनाएं केंद्रीय शहरी विकास विभाग को भेजी है।

एनडीएमसी की योजना है कि इस सीवरेज सिस्टम को बदलकर नया किया जाए। ताकि यह वर्ष 2047 के अनुरूप तैयार हो सके। साथ ही जलभराव की समस्या न हो साथ ही जल निकासी प्रणाली भी बेहतर हो सके।

एनडीएमसी को उम्मीद है कि शहरी विकास विभाग से मंजूरी मिली तो एनडीएमसी इस योजना को वित्त वर्ष 2024-25 में ही कार्यन्वयन शुरू कर देगा।

हर वर्ष हुआ करेगा ट्यूलिप फेस्टिवल

एनडीएमसी ने जी 20 के मद्देनजर 2023 में ट्यूलिप फेस्टिवल शुरू किया था उसे अगले वर्ष भी जारी रखा जाएगा। खास बात यह होगी आने वाले हर वर्ष में यह फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा।

एनडीएमसी चेयरमैन ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने और दिल्ली को सुंदर दिखाने पर हमारा जोर है। पर्यावरण के मद्देनजर 50 लाख पौधे और झाड़िया पूरी दिल्ली में लगाए गए उसमें से 33.50 लाख झाड़ी और पौधे अकेले एनडीएमसी ने लगाए।

उन्होंने कहा दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर दिखाने के लिए एनडीएमसी दो लाख ट्यूलिप लगाए हैं। साथ ही हम स्वयं ही ट्यूलिप बल्ब विकसित कर रहे हैं ताकि विदेश से आयात होने पर रोक लगाई जा सके।

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