आतिशी को दिल्ली का ताज: केजरीवाल की तरह नई मुख्यमंत्री के सामने होगी ये चुनौती, सिसोदिया ने भी की ये अपील
दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली की कमान संभाली है। उनके सामने कई चुनौतियां हैं। सीएम आवास पर केजरीवाल के नेतृत्व में विधायक दल की बैठक में 59 विधायकों ने आतिशी को विधायक दल का नेता चुना। एलजी प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास भेजेंगे और उनसे अनुमति मिलने पर दिल्ली कैबिनेट को फिर से शपथ दिलाई जाएगी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Arvind Kejriwal Resign: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया और पार्टी द्वारा उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुनी गईं आप नेता आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। आतिशी को दिल्ली का ताज उन परिस्थितियों में दिया गया है, जब दिल्ली आबकारी घोटाले से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग छह माह तक जेल में रहने के बाद बाहर आए केजरीवाल ने लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत होकर इस्तीफा देने का मन बना लिया।
तय कार्यक्रम के तहत मंगलवार को केजरीवाल ने पूरी कैबिनेट के साथ एलजी से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले सीएम आवास पर केजरीवाल के नेतृत्व में विधायक दल की बैठक में 59 विधायकों ने आतिशी को विधायक दल का नेता चुना।
इसलिए आतिशी को बनाया सीएम
आबकारी घोटाले में पार्टी के सभी बड़े नेताओं के जेल में होने के समय आतिशी की विश्वसनीयता और पार्टी व सरकार के दायित्वों के प्रति दिखाई गई समझदारी से सीएम का पद उन्हें मिला है। उपराज्यपाल के साथ संबंध मधुर न रहने से उनके साथ समन्वय बनाकर चलना आतिशी के लिए बड़ी चुनौती होगी।जेल से बाहर आने के बाद की इस्तीफे की घोषणा
बता दें कि केजरीवाल ने तिहाज जेल में लगभग छह माह तक बंद रहने के बाद 13 सितंबर को जमानत पर बाहर आने के बाद 15 सितंबर को पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि वह 17 सितंबर को इस्तीफा दे देंगे। इसे लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि दिल्ली का ताज अब किसे मिलेगा।
आतिशी के नाम पर पहले से थे कयास
इसके बारे में पार्टी या सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई थी, मगर कयास जो कयास लगाए जा रहे थे, उनमें आतिशी का नाम सबसे ऊपर था। सोमवार को भी आप की पीएसी (राजनीतिक मामलों की समिति) में नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा हुई थी।केजरीवाल ने आतिशी के नाम का रखा प्रस्ताव
इसके बाद मंगलवार को दोपहर से पहले सीएम आवास पर ही पार्टी विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा हुई। इसके बाद बैठक में पार्टी के चीफ व्हिप दिलीप पांडेय ने नए सीएम के नाम पर अरविंद केजरीवाल को ही तय करने का प्रस्ताव रखा। केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया।इस तरह आतिशी आप दिल्ली विधायक दल की नेता चुनी गईं। बैठक के बाद पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने बैठक में आतिशी को लेकर जानकारी दी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।आतिशी को दो काम करने हैं- सिसोदिया
वहीं, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि आतिशी को सीएम रहते हुए खासकर दो काम करने हैं।पहला, दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ मिलकर अरविंद केजरीवाल को दोबारा दिल्ली का सीएम बनाना है। दूसरा अगले कुछ महीनों में दिल्ली की जनता को दी जा रहीं सुविधाओं को भाजपा की रोकने की कोशिश के बीच भी जारी रखना है।दिल्ली की जनता की रक्षा करेंगी
उन्होंने कहा कि जनता को परेशान करने के लिए भाजपा, सीएम केजरीवाल द्वारा दी गई सुविधाओं को खत्म करने की पूरी कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि आतिशी की यह जिम्मेदारी है कि भाजपा के इस आतंक से दिल्ली की जनता की रक्षा करेंगी। मुझे पूरा यकीन है कि आतिशी इन कठिन जिम्मेदारियों को बखूबी निभाएंगी।तय कार्यक्रम के अनुसार दोपहर बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ राजनिवास जाकर अपना इस्तीफा एलजी वीके सक्सेना को सौंप दिया। इसके साथ ही पार्टी द्वारा उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुनी गईं आप नेता आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।दिल्ली की 8वीं मुख्यमत्री
अब एलजी इससे संबंधित फाइल को राष्ट्रपति के पास भेजेंगे और उनसे अनुमति मिलने पर दिल्ली कैबिनेट को फिर से शपथ दिलाई जाएगी। इस तरह व्यक्तियों के हिसाब से आतिशी दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री बनेंगी। मगर यदि कार्यकाल के लिहाज से बात करेंगे तो आतिशी 12वीं मुख्यमंत्री होंगी। वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी।इससे पहले की महिला मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल
- सुषमा स्वराज-12 अक्टूबर 1998 से 3 दिसंबर 1998 तक
- शीला दीक्ष्रित 3 दिसंबर 1998 से 28 दिसंबर 2013 तक