Delhi News: जी-20 की सफलता के बाद पुलिस-प्रशासन को था फेरबदल का इंतजार, जानिए क्यों लगा आदेश पर विराम
जी-20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद दिल्ली पुलिस पिछले एक सप्ताह से सफलता के जश्न में डूबी हुई है। सभी जिलों व यूनिटों के प्रमुख अपने-अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को दावत देने में जुटे हैं। यह सिलसिला अभी कुछ दिन और चलेगा। पहले महकमे में चर्चा थी कि जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद आइपीएस अधिकारियों की हर रैंक में बड़े पैमाने पर फेरबदल होंगे।
राकेश कुमार सिंह,नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद दिल्ली पुलिस पिछले एक सप्ताह से सफलता के जश्न में डूबी हुई है। सभी जिलों व यूनिटों के प्रमुख अपने-अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को दावत देने में जुटे हैं। यह सिलसिला अभी कुछ दिन और चलेगा।
पहले महकमे में चर्चा थी कि जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद आइपीएस अधिकारियों की हर रैंक में बड़े पैमाने पर फेरबदल होंगे। यह चर्चा इसलिए थी कि क्योंकि कई वरिष्ठ अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली हुई है वे लंबे समय से अच्छे पदों पर बने हुए हैं जबकि कुछ अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं मिल पाई है।
उन्हें जी-20 के बाद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की आस थी लेकिन पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा फिलहाल फेरबदल के मूड में नहीं हैं। जी-20 की सफलता के बाद वे अपनी टीम को लेकर गदगद हैं। वैसे कुछ माह पहले अचानक पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को लेकर भी अलग-अलग तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। पहले उन्हें सीबीआइ डायरेक्टर फिर तमिलनाडु डीजी और उसके बाद बीएसएफ का डीजी बनाए जाने की चर्चा जोरों पर चली, लेकिन ये सब महज अफवाह ही साबित हुईं।
जी-20 की सफलता के बाद जिस तरह से पीएमओ व गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली पुलिस की सराहना की गई, उससे माना जा रहा है कि अरोड़ा अब लंबे समय तक दिल्ली पुलिस के ही मुखिया बने रह सकते हैं। जी-20 से पहले अधिकारियों की बैठक लेते हुए अरोड़ा ने जिस अंदाज में संबोधन किया था वह अधिकारियों में जज्बा जगाने वाला था। उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि वे किसी भी तरह का तनाव लेकर काम न करें। बेहतर सुझबूझ के साथ काम करें और जरूरत पड़ने पर मौके पर ही उचित निर्णय लेने में कोताही न करें। जहां भी जी-20 सम्मेलन हुए हैं वहां कुछ न कुछ गड़बड़ियां हुई हैं।
मैं मान कर चलता हूं कि यहां भी गड़बड़ी होगी। इसके लिए डांट सुनने को सभी तैयार रहिए। कुछ चीजों के लिए मुझे भी डांट सुनना पड़ सकता है और कुछ के लिए आप लोगों को भी। आयुक्त के इस वक्तव्य ने अधिकारियों के दिलो-दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी। सभी ने दिन-रात एक कर कड़़ी मेहनत की और उसी का नतीजा रहा कि जी-20 का बेहतर सुरक्षा प्रबंधन कर पाने में दिली पुलिस को शानदार सफलता मिली।
दिल्ली पुलिस सुरक्षा यूनिट के विशेष आयुक्त मधुप तिवारी व ट्रैफिक के विशेष आयुक्त एसएस यादव के अलावा विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था सागर प्रीत हुड्डा, दीपेंद्र पाठक, विशेष आयुक्त स्पेशल सेल एचजीएस धालीवाल, विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव,आरएस कृष्णैया, भोला शंकर जायसवाल आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
माना जा रहा है कि ये अब अपने पद बने रहेंगे। एक विशेष आयुक्त को लेकर महकमे में जोरों पर चर्चा है कि वे सेवानिवृत्ति से तीन माह पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले रहे हैं, लेकिन पुलिस मुख्यालय ने इसका खंडन किया है।