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IGI Airport पर विमानों के ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ NGT में आवेदन, लैंडिंग और उड़ान को लेकर की गई ये मांग

आवेदनकर्ता ने 18 जून 2018 को जारी अधिसूचना और संशोधिन नियम-2018 के प्रविधानों का हवाला दिया। जिसमें हवाई अड्डे के क्षेत्र में शोर के संबंध में वायु गुणवत्ता मानक का जिक्र किया गया है। आवेदनकर्ता संस्था ने अनिल सूद के माध्यम से दायर आवदेन में कहा कि इस संबंध में वर्ष 2013 में एनजीटी द्वारा पारित किए गए आदेश का अनुपालन नहीं हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Tue, 17 Oct 2023 02:33 AM (IST)
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विमानों की लैंडिंग से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ एनजीटी में आवेदन दाखिल। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग व उड़ान भरने के दौरान होने वाले ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में आवेदन दाखिल किया गया है। आवेदनकर्ता संस्था ने रात दस बजे से सुबह छह बजे के बीच शहरी क्षेत्र में बने एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग व उड़ान को प्रतिबंधित करने की मांग की है।

नहीं हो रहा आदेश का अनुपाल

आवेदनकर्ता ने 18 जून 2018 को जारी अधिसूचना और संशोधिन नियम-2018 के प्रविधानों का हवाला दिया। जिसमें हवाई अड्डे के क्षेत्र में शोर के संबंध में वायु गुणवत्ता मानक का जिक्र किया गया है। आवेदनकर्ता संस्था ने अनिल सूद के माध्यम से दायर आवदेन में कहा कि इस संबंध में वर्ष 2013 में एनजीटी द्वारा पारित किए गए आदेश का अनुपालन नहीं हो रहा है।

आवेदनकर्ता ने तर्क दिया कि उक्त आदेश में एनजीटी ने कहा था कि एयरपोर्ट के आसपास चलने वाले सभी वाहन सीएनजी चलित होने चाहिए। साथ ही दिल्ली जैसे घरेलू व अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए शोर का स्तर भी निर्धारित किया गया था। आवेदनतकर्ता ने कहा कि लेकिन इसका अनुपालन नहीं हो रहा है।

सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए स्थगित

वहीं, दूसरी तरफ मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार, एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की तरफ से पेश हुए अधिवक्ताओं ने आवेदन के आधार पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए प्राथमिक जवाब दाखिल करने को समय देने की मांग की। एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी पक्षों को दो सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

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