Delhi Crime: यूट्यूब से सीखा ठगी का तरीका, आयकर और कस्टम विभाग का डर दिखाकर करते थे ठगी, छह बदमाश गिरफ्तार
दक्षिण पश्चिमी जिले की साइबर पुलिस ने छह दोस्तों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने 100 से ज्यादा लोगों को ठगा था। आरोपित इंटरनेट मीडिया पर सस्ते मोबाइल गैजेट बेचने के नाम पर ठगी करते थे। पुलिस ने सभी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली: दक्षिण पश्चिमी जिले की साइबर पुलिस ने छह ऐसे दोस्तों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने विलासितापूर्ण जीवन जीने के लिए लोगों को ठगना शुरू कर दिया। आरोपित इंटरनेट मीडिया पर सस्ते मोबाइल गैजेट बेचने के नाम पर ठगी करते थे। आरोपितों की पहचान रामनप्रीत, विजय, अमन चौहान, नितीश सिंह, अवि तनेजा और सूरज रावत के रूप में हुई है।
100 से ज्यादा लोगों के साथ कर चुके थे ठगी
आरोपितों के कब्जे से पुलिस ने 14 मोबाइल फोन, एक लैपटाप, दो राउटर, एक डोंगल बरामद किया है। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों से देश भर में 100 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस उपायुक्त मनोज सी ने बताया कि साइबर थाना पुलिस को 18 फरवरी को एक शिकायत मिली थी। पीड़ित विकास कटियार ने शिकायत में बताया कि उन्होंने छह फरवरी को एक आईफोन खरीदने के लिए गैजेट टेक इंस्टाग्राम पेज पर दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। इस पेज पर काफी ज्यादा छूट पर आईफोन दिए जा रहे थे।
कार्रवाई से बचने के लिए पीड़ित देते रहे पैसे
फोन उठाने वाले आरोपित ने अपना नाम ऋषभ बताया और उसने फोन की 30 प्रतिशत कीमत के अग्रिम भुगतान करने के लिए किहा। पहली बार आरोपितों ने छह मार्च को पीड़ित से 28 हजार वसूले। इसके बाद आरोपितों ने आयकर, कस्टम विभाग आदि से संबंधित कार्रवाई का डर दिखाकर 21 बार में आठ खातों में कुल 28,69,850 रकम ट्रांसफर करवाए। कार्रवाई से बचने के लिए पीड़ित उन्हें पैसे देते रहे। इसके बाद ठगी की आशंका होते ही पीड़ित ने पुलिस को शिकायत दी। शिकायत पर मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की।
इंस्टाग्राम पेज से निकाली मोबाइल नंबरों की जानकारी
जांच के दौरान कथित बैंक खातों का विश्लेषण किया गया। साथ ही पुलिस ने इंस्टाग्राम पेज पर दिए गए मोबाइल नंबरों की जानकारी निकाली और एक आरोपित नीतीश कुमार तक पहुंच गई। अलग-अलग खातों में आई ठगी की सारी रकम बाद में नीतीश के खाते में जमा हुई थी। नीतीश की पहचान के बाद पुलिस ने बाकी आरोपितों की जानकारी निकाली और सभी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
यूट्यूब से सीखा था ठगी का तरीका
आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि अवि तनेजा आनलाइन सट्टा लगाता था। उसने यूट्यूब और इंस्टाग्राम के माध्यम से सस्ते इलेक्ट्रानिक गैजेट्स वेबसाइट पर फर्जी आईडी बनाकर वस्तुओं को बेचने के लिए भोले-भाले लोगों को ठगने के गुर सीखे थे। जिसके बाद वह अपने बाकि दोस्तों के साथ मिलकर लोगों से ठगी करने लगा।
आरोपितों ने बताया कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर बिजनेस पेज बाय गैजेट टेक मोबाइल शाप के नाम से एक फर्जी अकाउंट बनाया और मासूम लोगों को ठगने के लिए मोबाइल नंबर डाल दिए। ठगी करने के बाद उन्होंने मोबाइल नंबर बदल लिए ताकि कोई उन्हें पकड़ न सके।