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Chhath Puja 2022: दिल्ली में इस बार यमुना नदी के पानी में खड़े होकर छठ पर्व मनाने की इजाजत नहीं

Chhath Puja 2022 दिल्ली सरकार के मुताबिक यमुना नदी के किनारे बनाए गए कृत्रिम घाटों पर हो छठ पूजा की जा सकेगी। इसके साथ-साथ सभी 1100 घाटों पर आवश्यक व्यवस्था की जाएगी जिससे श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो।

By Jagran NewsEdited By: JP YadavUpdated: Fri, 28 Oct 2022 05:08 AM (IST)
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चार दिवसीय छठ का त्योहार शुक्रवार से शुरू हो रहा है। फाइल फोटो
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में छठ पूजा आयोजन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिल्ली में छठ पूजा समारोह के सभी 1100 स्थलों पर सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। वहीं उन्होंने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी डीएम को निर्देश दिया कि नए स्थलों की सूची को स्थानीय विधायकों के साथ साझा करने के साथ-साथ सभी स्थलों के जिओ लोकेशन भी साझा करने के लिए कहा है।

दलदल की वजह से लोगों को हो सकती है दिक्कत

इस बार यमुना के किनारे बनाए गए कृत्रिम घाटों पूजा हो सकेगी, वहां पानी में खड़े हाेकर श्रद्धालु पूजा कर सकेंगे, लेकिन नदी के पानी में जाने की इजाजत नहीं होगी। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि यह इसलिए किया जा रहा है कि यमुना के कई घाटों पर दलदल है जिससे श्रद्धालुओं को वहां पहुंचने में परेशानी हाे सकती है। छठ तैयारियों को लेकर राजस्व मंत्री गहलोत ने संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

साझा की जाएगी शीर्ष 5 स्थलों की सूची

इस बैठक में बुराड़ी के विधायक संजीव झा, दिल्ली सरकार की तीर्थयात्रा विकास समिति के अध्यक्ष कमल बंसल, मंडलायुक्त और दिल्ली के सभी जिलाधिकारियों ने भाग लिया।इसके अलावा मंडलायुक्त ने सभी डीएम को शीर्ष पांच स्थलों की सूची साझा करने का निर्देश दिया, जहां सबसे अधिक भीड़ होने की उम्मीद है।

यमुना के तटों पर की जाएगी बैरिकेडिंग

डीएम को प्रबंधन इस तरह से करने की सलाह दी गई कि यमुना नदी के तट पर बैरिकेडिंग हो और प्रदूषण मुक्त उत्सव सुनिश्चित करने के लिए कृत्रिम तालाबों का निर्माण उचित तरीके से किया जाए। दिल्ली में छठ पूजा प्रबंधन और सुरक्षित आयोजन के लिए राजस्व विभाग नोडल विभाग है।

राजस्व विभाग को भी मिली अहम जिम्मेदारी

राजस्व विभाग सभी 1100 पूजा स्थलों पर टेंट, कुर्सी, टेबल लाइटिंग, साउंड सिस्टम, सीसीटीवी, एलईडी स्क्रीन, पावर बैकअप आदि जैसी ज़रूरतों को पूरा करेगा। इसके अलावा राजस्व विभाग दिल्ली सरकार के अन्य विभागों के साथ समन्वय कर आवश्यक ज़रूरतों को पूरा करेगा।

घाटों पर तैनात रहेंगे सिविल डिफेंस वालंटियर्स

राजस्व विभाग, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग और दिल्ली जल बोर्ड के साथ समन्वय करके स्वच्छ पानी की व्यवस्था करेगा वहीं स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करके प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं और एंबुलेंस की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।मोबाइल शौचालय वैन (एमटीवी) के लिए डूसिब और सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस और सिविल डिफेंस वालंटियर्स, यातायात प्रबंधन के लिए यातायात पुलिस और साफ़-सफाई के लिए एमसीडी/एनडीएमसी जैसी एजेंसियों के साथ समन्वय किया जाएगा। 

 यमुना तट पर पूजा को लेकर दिल्ली में सियासत गरमाई

क्योंकि जब व्रती यमुना के पानी में खड़े होकर पूजा करेंगे तो स्वाभाविक है उसमें पूजन सामग्री भी डालेंगे। पिछले साल भी यमुना तट पर पूजा को लेकर दिल्ली में सियासत गरमाई थी, इस बार भी इसी तरह से हो रहा है। कुछ ही महीने में दिल्ली में निगम के चुनाव है, नेताओं की नजर पूर्वांचल के मतदाताओं पर भी है। लेकिन प्रशासन के सामने एक चुनौती यह भी है कि वह सियासत के चक्कर में लोगों को खुलकर नहीं बता पा रहे हैं यमुना तट पर पूजा नहीं होगी।

सिर्फ अस्थाई घाट पर ही पूजा की अनुमति

संजय सोंधी (एसडीएम करावल नगर) का कहना है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के अनुसार यमुना में पूजा करने पर प्रतिबंध है। इसलिए यमुना तट पर छठ पूजा की अनुमति नहीं है। आदेश का पालन करवाने के लिए प्रशासन यमुना तट की ओर जाने वाले रास्तों को बैरिकेड लगाकर बंद करेगा। प्रशासन ने जिले में अस्थायी घाट बनाएं हैं, उन्हीं में पूजा करने की अनुमति दी गई है।

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