Delhi: मुख्य सचिव नरेश कुमार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सीएम केजरीवाल ने CBI को भेजी भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच रिपोर्ट
Delhi News दिल्ली सरकार ने द्वारका एक्सप्रेस-वे परियोजना में 850 करोड़ रुपये के भूमि अधिग्रहण घोटाला मामले में अपनी जांच रिपोर्ट को सीबीआई को भेज दिया है। सरकार ने मुख्य सचिव नरेश कुमार पर अपने बेटे करण चौहान से जुड़ी एक कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए जमीन की कीमत से 22 गुना मुआवजा देने का आरोप लगाया है। साथ ही मामले को सीबीआई और ईडी को भेजा है।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Thu, 16 Nov 2023 11:58 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने द्वारका एक्सप्रेस-वे परियोजना में 850 करोड़ रुपये के भूमि अधिग्रहण घोटाला मामले में अपनी जांच रिपोर्ट को सीबीआई को भेज दिया है।
दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव नरेश कुमार पर अपने बेटे करण चौहान से जुड़ी एक कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए जमीन की कीमत से 22 गुना मुआवजा देने का आरोप लगाया है। एक ही कंपनी द्वारा साल 2015 में सर्कल रेट के 7 प्रतिशत पर भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामला मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए सीएम केजरीवाल की मंजूरी मिलने के बाद मामले को सीबीआई और ईडी को भेजा है।
CM ने की मुख्य सचिव को निलंबित करने की सिफारिश
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मुख्य सचिव से जुड़े मामले में सतर्कता मंत्री आतिशी की प्राथमिक जांच रिपोर्ट को उपराज्यपाल को भेजा था। उन्होंने जांच रिपोर्ट एलजी को भेज देते हुए मुख्य सचिव को तुरंत पद से हटाने और निलंबन करने की सिफारिश की थी।यह भी पढ़ें: Delhi Pollution: DPCC की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, हवा में फैले प्रदूषण रोकने में बेअसर हैं स्मॉग टावर
क्या है मामला
बामनोली जमीन अधिग्रहण मामले में आतिशी ने मुख्य सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मंगलवार को 670 पेज की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें घुमा फिरा कर पूरा मामला मुख्य सचिव के इर्द गिर्द ही घूम रहा है। जबकि मुख्य सचिव ने आतिशी द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा करार दिया है। उन्होंने रिपोर्ट पर सवाल उठाया है।सतर्कता मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, कथूरिया बंधुओं को 897 करोड़ का लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई, जबकि विजिलेंस की रिपोर्ट में लगभग 353 करोड़ रुपये का अनुमान था। वर्ष 2018 में जमीन के मुआवजा की कीमत तय हुई थी। फरवरी 2019 से लेकर जून 2022 के बीच तीन अलग-अलग डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने उसे नहीं बदला। नरेश कुमार के दिल्ली के मुख्य सचिव बनने के 40 दिन के अंदर ही हेमंत कुमार को दक्षिण पश्चिमी जिले का डीएम बनाया गया।
हेमंत कुमार ने डीएम बनने के एक साल के भीतर 2018 का मुआवजा 22 गुना बढ़ा दिया। उनके खिलाफ विजिलेंस इंक्वारी मुख्य सचिव ने खुद संज्ञान लेकर नहीं करवाई। हालांकि जब इस मुद्दे को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में उठाया गया, तो मंडलायुक्त और मुख्य सचिव के पास जांच के अलावा कोई रास्ता नहीं था।यह भी पढ़ें: Delhi: नाबालिग ने पड़ोसी युवक की साली को किया मैसेज, कहासुनी के बाद बवाल; पथराव में 5 लोग घायल
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