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Delhi News: ग्राहक से कैरी बैग के रुपये वसूलना स्टोर को पड़ा भारी, आयोग ने स्टोर पर लगाया जुर्माना

सामान खरीदने वाले ग्राहक से कैरी बैग के लिए सात रुपये वसूलना स्टोर को भारी पड़ गया। इस मामले में शिकायत पर सुनवाई करते हुए पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने स्टोर को आदेश दिया कि वह कैरी बैग के सात रुपये लौटाए साथ ही ग्राहक को हुई मानसिक पीड़ा के लिए तीन हजार रुपये मुआवजा राशि का भुगतान भी करे।

By Ashish GuptaEdited By: Nitin YadavUpdated: Sat, 09 Sep 2023 08:42 AM (IST)
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Delhi News: ग्राहक से कैरी बैग के रुपये वसूलना स्टोर को पड़ा भारी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सामान खरीदने वाले ग्राहक से कैरी बैग के लिए सात रुपये वसूलना स्टोर को भारी पड़ गया। इस मामले में शिकायत पर सुनवाई करते हुए पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने स्टोर को आदेश दिया कि वह कैरी बैग के सात रुपये लौटाए, साथ ही ग्राहक को हुई मानसिक पीड़ा के लिए तीन हजार रुपये मुआवजा राशि का भुगतान भी करे।

आयोग ने आदेश में कहा कि स्टोर कैरी बैग के लिए कोई राशि नहीं ले सकता है, खासकर उन वस्तुओं के लिए जो स्टोर से ही खरीदी गई हैं और ग्राहक से कोई भी राशि वसूलना सेवा में कमी है। आयोग ने माना कि ग्राहकों की जानकारी के लिए कैरी बैग की बिक्री संबंधी कोई बोर्ड स्टोर में लगा था, इसका कोई प्रमाण दाखिल नहीं किया गया।

क्या है मामला

शाहदरा निवासी अमित कुमार त्रिपाठी पेशे से वकील हैं। कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। आयोग में दाखिल अमित की शिकायत के मुताबिक, उन्होंने पांच जून 2019 को शाहदरा सीबीडी यूनिटी वन माल स्थित रिलायंस ट्रेंड स्टोर से एक टी-शर्ट और एक ट्रैक पैंट खरीदी थी। जब वह बिलिंग काउंटर पर पहुंचे थे तो उनसे कैरी बैग के सात रुपये लिए गए थे, जिसे वह नहीं ले सकते थे।

शिकायत में आरोप लगाया गया था कि स्टोर में अवैध रूप से ऐसा किया गया। साथ ही पक्ष रखा कि उन्होंने मजबूरी में बैग के शुल्क का भुगतान किया जो सेवा में कमी के बराबर है। अमित ने कैरी बैग के सात रुपये वापस मांगने के साथ 25 हजार रुपये मुआवजा मांगा था।

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स्टोर ने नोटिस पर दिया ये जवाब

इस शिकायत पर आयोग के नोटिस पर रिलायंस ट्रेंड की ओर से पक्ष दाखिल किया गया था कि शिकायतकर्ता ने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। कैरी बैग बिक्री की वस्तु है। ग्राहक के लिए यह वैकल्पिक होता है कि वह कैरी बैग खरीदे या नहीं। किसी भी स्थिति में ग्राहक को इसके लिए बाध्य नहीं किया जाता।

वर्तमान मामले में शिकायतकर्ता ने स्वयं कैरी बैग खरीदा था और तदनुसार उसका शुल्क लिया गया था। ऐसे में उनकी ओर से कोई कमी नहीं थी। यह भी दावा किया था कि उनके स्टोर की नीति के तहत यह विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि यदि कोई ग्राहक कैरी बैग लेकर नहीं आता है तो कीमत के बदले उन्हें स्टोर द्वारा उपलब्ध कराया जा सकता है। फिर भी यदि किसी को काउंटर पर कैरी बैग खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है तो ग्राहक उस बारे में स्टोर मैनेजर से शिकायत कर सकते हैं।

जवाब में यह भी दावा किया गया कि शिकायतकर्ता ने स्टोर मैनेजर से कोई शिकायत नहीं की गई थी। इस मामले चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश प्रस्तुत किए गए थे। उन पर गौर करने के बाद पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने स्टोर की सेवा में कमी मानते हुए शिकायतकर्ता के पक्ष में निर्णय कर दिया।

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