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Delhi News: जल बोर्ड भ्रष्‍टाचार में धनशोषण का मामला, ईडी ने कुर्क की आठ करोड़ अस्सी लाख की संपत्ति

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली ने दिल्ली जल बोर्ड भ्रष्टाचार में धन शोषण मामले में आरोपितों की आठ करोड़ अस्सी लाख की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा उनकी पत्नी अलका अराेड़ा मेसर्स इंटीग्रल स्क्रू इंडस्ट्रीज (उप-ठेकेदार) के मालिक अनिल कुमार अग्रवाल और मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के जगदीश कुमार अरोड़ा की संपत्तियां कुर्क की हैं।

By Jagran News Edited By: Prateek Jain Updated: Wed, 03 Apr 2024 04:10 AM (IST)
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Delhi News: जल बोर्ड भ्रष्‍टाचार में धनशोषण का मामला, ईडी ने कुर्क की आठ करोड़ अस्सी लाख की संपत्ति

जागरण संवाददाता,नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली ने दिल्ली जल बोर्ड भ्रष्टाचार में धन शोषण मामले में आरोपितों की आठ करोड़ अस्सी लाख की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया है।

ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा, उनकी पत्नी अलका अराेड़ा, मेसर्स इंटीग्रल स्क्रू इंडस्ट्रीज (उप-ठेकेदार) के मालिक अनिल कुमार अग्रवाल और मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ( डीजेबी के ठेकेदार) जगदीश कुमार अरोड़ा की संपत्तियां कुर्क की हैं।

अचल संपत्तियां दिल्ली में स्थित हैं। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा दर्ज एफआइआर के आधार पर जांच शुरू की थी, जिसमें दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी से संबंधित अपराध शामिल थे।

तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थी कंपनी

एफआइआर में आरोप लगाया गया कि डीजेबी के तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने दिल्ली जल बोर्ड के फ्लो मीटर का ठेका मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को अत्यधिक बढ़ी हुई कीमत 38 करोड़ रूपये पर दिया। इस तथ्य के बावजूद कि कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थी।

ईडी की जांच से पता चला कि मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेज जमा करके बोली हासिल की। जगदीश कुमार अरोड़ा इस तथ्य से अवगत हैं कि कंपनी निविदा को मंजूरी देने के लिए तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती है।

मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अनिल कुमार अग्रवाल की स्वामित्व वाली फर्म मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज़ लिमिटेड को काम का उप-अनुबंध दिया। डीजेबी को कुल 24 करोड़ का भुगतान प्राप्त हुआ। ठेके के काम में 14 करोड़ रुपये खर्च किये गये और शेष राशि रिश्वत में उड़ा दी गयी।

जगदीश कुमार अरोड़ा को 3 करोड़ 19 लाख रूपये की रिश्वत मिली, जिसमें से उन्होंने दो करोड़ रूपये दिल्ली जल बोर्ड के अन्य अधिकारियों और आम आदमी पार्टी को चुनाव निधि के रूप में ट्रांसफर किए। ईडी ने पहले 24 जुलाई 2023 और 17 नवंबर 2023 को तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज और सबूत जब्त किए गए थे।

ईडी ने 31 जनवरी 2024 को जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था और दोनों आज तक न्यायिक हिरासत में हैं। जगदीश कुमार अरोड़ा, अनिल कुमार अग्रवाल और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत 28 मार्च 2024 को दायर की गई है। आगे की जांच जारी है।