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Delhi News: ट्रांसफर होने के बाद कर्मचारीयों को खाली करना होगा सरकारी बंगला, ना करने पर होगी कड़ी कार्यवाही!

राजधानी में रहना लोगों की चाहत हैं खासकर लुटियंस दिल्ली में रहने का मौका मिले तो कौन नहीं रहना चाहेगा। इसी चाहत के चलते नई दिल्ली नगरपालिका परिषद इलाके में सरकारी बंगला लेकर वापस न करने के मामलो को लेकर एनडीमसी अब सख्त होने जा रही है। एनडीएमसी में नियुक्त और फिर तबादला होने के बाद बंगला वापस न होने के बाद कार्रवाई होगी।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Fri, 25 Aug 2023 07:13 AM (IST)
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सरकारी बाबुओं को लुटियंस दिल्ली में आसानी से नहीं मिलेगा बंगला
नई दिल्ली,जागरण संवाददाता। राजधानी में रहना लोगों की चाहत हैं खासकर लुटियंस दिल्ली में रहने का मौका मिले तो कौन नहीं रहना चाहेगा। इसी चाहत के चलते नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) इलाके में सरकारी बंगला लेकर वापस न करने के मामलो को लेकर एनडीमसी अब सख्त होने जा रही है। एनडीएमसी में नियुक्त और फिर तबादला होने के बाद बंगला वापस न होने के बाद एनडीएमसी अब इससे संबंधित नीति में ही बदलाव करने की योजना बना ली है।

इसमें अब पूल (अदला-बदली) की योजना ही बंद होने जा रही है। इतना ही नहीं एनडीएमसी से तबादला होने के बाद लुटियंस दिल्ली में मिले बंगले को तीन माह के भीतर खाली भी करना होगा। एनडीएमसी की काउंसिल की बैठक में केंद्रीय मीनाक्षी लेखी ने एनडीएमसी ने तबादला होने के बाद एनडीएमसी से लिए गए बंगले को वापस न करने का मुद्दा उठाया।

इस पर दूसरे सदस्यों ने भी उनसे सहमति दी। एनडीएमसी सदस्य कुलजीत चहल ने कहा जो अधिकारी बंगला लेकर तबादला होने के बाद भी वापस नहीं दे रहे हैं उनसे बंगला वापस लेने का सवाल भी उठाया जाए। बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि एनडीएमसी के चेयरमैन अमित यादव भी लुटियंस दिल्ली से बाहर रहते हैं। 

एनडीएमसी के पास इतने बंगले और घर ही नहीं बचे हैं जो अपने अधिकारियों और पदाधिकारियों की पूर्ति कर सके। इतना ही नहीं एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय को भी डेढ़ साल बाद बंगला मिल पाया था। उनका यह बंगला एनडीएमसी में वर्षों पहले तैनात रहे एक अधिकारी के पास था।

एनडीएमसी को यह बंगला खाली कराने के लिए अदालत का भी रुख करना पड़ा था। अदालत के हस्तक्षेप के बाद ही यह बंगला खाली हो पाया था। एनडीएमसी इलाके में तीन हजार के करीब सरकारी बंगले और फ्लैट हैं। जो अधिकारी बंगले खाली नहीं करते हैं उसमें ज्यादातर वरिष्ठ आइएएस अधिकारी शामिल हैं।

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