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Delhi News: एयरलाइन में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला इंडिगो का पूर्व कर्मचारी गिरफ्तार, परिवार से 50 लाख रुपये ठगे

पुलिस ने कहा जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने पीड़ितों को जो ज्वॉइनिंग लेटर दिए थे वे सभी फर्जी थे। इसके बाद मामले में जालसाजी की धारा यानी 468/471 आईपीसी भी जोड़ दी गई है। आरोपी ईशु वर्मा उर्फ राहुल सक्सेना (उम्र 29 साल) को उपर्युक्त मामले में गिरफ्तार किया गया। वह वर्तमान में इंडिगो के साथ काम कर रहा था।

By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Tue, 02 Jan 2024 05:11 PM (IST)
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नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले इंडिगो के एक पूर्व कर्मचारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
एएनआई, नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस के एक पूर्व कर्मचारी को एयरलाइन में नौकरी दिलाने के बहाने दिल्ली में एक परिवार से 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान इशू वर्मा उर्फ राहुल सक्सेना के रूप में हुई है, जिसने कथित तौर पर परिवार को तब निशाना बनाया जब उनकी बेटी ने जून 2023 में एक जॉब सर्च इंजन के ऐप पर अपनी जॉब सर्च प्रोफाइल पोस्ट की।

वर्मा ने खुद को "अयान मलिक" बताते हुए महिला से संपर्क किया और उसे इंडिगो में रिसेप्शनिस्ट के पद की पेशकश की। इसके बाद उसने ऑनलाइन महिला का कई बार फेक इंटरव्यू लिया, इसके बाद 28,000 रुपये प्रति माह के शुरुआती वेतन वाला एक फेक ऑफर लेटर उसे भेजा। परिवार को और अधिक समझाने के लिए वर्मा ने एक अन्य साथी संजय बांगड़ से मिलवाया, जिसने इसी तरह बेटे को नौकरी की पेशकश की और एक जाली ज्वॉइनिंग लेटर दिया।

डीसीपी शाहदरा रोहित मीना के मुताबिक, 31 दिसंबर को शिकायतकर्ता दिल्ली के जगत पुरी निवासी शम्मी मेहरा उम्र 48 साल ने बताया कि उसके दो बच्चे टीशा और नितिन मेहरा हैं। जून 2023 में उनकी बेटी टीशा ने नौकरी खोजने के लिए ऐप पर अपनी प्रोफाइल बनाई। उनकी बेटी से उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया और उन्हें सर्च इंजन के ऐप पर रिसेप्शनिस्ट की नौकरी की पेशकश की गई। इसके बाद परिवार ने वर्मा को कई महीनों में किश्तों में 50 लाख रुपये का भुगतान किया। हालांकि, सत्यापन के बाद ज्वॉइनिंग लेटर फर्जी पाए गए, जिसके बाद परिवार ने जगत पुरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

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शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वर्मा ने ज्वॉइनिंग लेटर भी फर्जी बनाया था, जिसके बाद आरोपों में धारा 468 (जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग करना) को जोड़ा गया। पुलिस ने शिकायतकर्ता शम्मी मेहरा की शिकायत पर आईपीसी की धारा 420/406/34 के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की गई।

पुलिस ने कहा, "जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने पीड़ितों को जो ज्वॉइनिंग लेटर दिए थे, वे सभी फर्जी थे। इसके बाद मामले में जालसाजी की धारा यानी 468/471 आईपीसी भी जोड़ दी गई है। आरोपी ईशु वर्मा उर्फ राहुल सक्सेना (उम्र 29 साल) को उपर्युक्त मामले में गिरफ्तार किया गया। वह वर्तमान में इंडिगो के साथ काम कर रहा था।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी ईशु वर्मा उर्फ राहुल सक्सेना ने एमबीए की पढ़ाई की थी और इंडिगो एयरलाइंस में बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) ऑफिसर के पद पर कार्यरत था। उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है और वह अपनी मां और बड़े भाई के साथ रह रहा था। पुलिस ने कहा कि पूरे सिंडिकेट के बारे में आगे की जांच जारी है।

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जांच से पता चला कि उसने गलत तरीके से कमाए गए पैसे को बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया था और पीड़ितों के साथ बातचीत करते समय अपनी पहचान छुपाने के लिए वॉयस चेंजर ऐप का इस्तेमाल किया था।

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