Delhi News: सौ करोड़ से बुझेगी दिल्ली की प्यास, बनाई जाएंगी 5038 ट्यूबवेल; पानी की चोरी पर भी लगेगी लगाम
Delhi News राजधानी बढ़ रही पानी की जरूरत को पूरा करना बड़ी चुनौती है। इसके लिए वह दूसरे राज्यों पर निर्भर है। वहां से भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है। इन कारणों से दिल्ली में अक्सर जल संकट उत्पन्न होता है। पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ट्यूबवेल की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Sat, 28 Oct 2023 06:45 AM (IST)
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। राजधानी बढ़ रही पानी की जरूरत को पूरा करना बड़ी चुनौती है। इसके लिए वह दूसरे राज्यों पर निर्भर है। वहां से भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है। कभी हरियाणा से यमुना कम पानी छोड़ा जाता है तो कभी उत्तर प्रदेश से पानी आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न होता है।
इन कारणों से दिल्ली में अक्सर जल संकट उत्पन्न होता है। पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ट्यूबवेल की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
13 सौ एमजीडी पानी की है जरूरत
दिल्लीवासियों की प्यास बुझाने के लिए लगभग 13 सौ मिलिनय गैनल प्रतिदिन (एमजीडी) पानी की जरूरत है। इसकी तुलना में यमुना, गंग नहर सहित अन्य स्त्रोतों से 995 एमजीडी पानी उपलब्ध है। सरकार का लक्ष्य इस वर्ष इसे बढ़ाकर 1025 एमजीडी करने की है।एक सौ करोड़ रुपये खर्च करने की योजना
पिछले वर्ष 474 नए ट्यूबवेल लगाए गए हैं। इस समय दिल्ली में 5038 ट्यूबवेल हैं। इसके साथ 10 रेनीवेल हैं। इस वित्त वर्ष में ट्यूबवेल की संख्या बढ़ाकर 54 सौ करने की है। साथ ही दो नए रेनीवेल बनेंगे। पुराने ट्यूबवेल की दशा सुधारने के लिए भी काम किया जा रहा है। इन कार्यों पर लगभग एक सौ करोड़ रुपये खर्च होना है।
जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के शोधित जल से कृत्रिम झील बनाकर भूजल स्तर को बढ़ाने का प्रयास चल रहा है। उसके आसपास ट्यूबवेल लगाकर पेयजल आपूर्ति सुधारने में मदद मिलेगी।
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