Delhi News: हाई कोर्ट वैकल्पिक वन के भूमि पहचान मामले पर हुई सख्त, अधिकारियों को लगाई फटकार
वैकल्पिक वन के निर्माण के लिए मात्र 0.23 एकड़ भूमि की पहचान करने पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकारी अधिकारियों की खिंचाई करते हुए संबंधित प्रमुख सचिव को अगली तारीख पर अदालती कार्यवाही में पेश होने को कहा। अधिकारियों की समझ पर सवाल उठाते हुए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने यह अदालती कार्यवाही चल रही है। यह कोई मजाक नहीं है।
जागरण संवाददाता,नई दिल्ली। वैकल्पिक वन के निर्माण के लिए मात्र 0.23 एकड़ भूमि की पहचान करने पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकारी अधिकारियों की खिंचाई करते हुए संबंधित प्रमुख सचिव को अगली तारीख पर अदालती कार्यवाही में पेश होने को कहा। अधिकारियों की समझ पर सवाल उठाते हुए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने यह अदालती कार्यवाही चल रही है। यह कोई मजाक नहीं है।
पीठ ने कहा कि अदालत के उदार रुख के बावजूद भी अधिकारी व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं। अदालत ने कहा कि दिवाली का त्योहार करीब है और सभी प्रयास के बाद भी फसल जलाना एक मुद्दा है। आप नई पीढ़ी को क्या देने जा रहे हैं? मामले की गंभीरता पर जोर देते हुए अदालत ने अवमानना नोटिस जारी करने की भी चेतावनी दी।
अदालत ने सवाल उठाया कि क्या अधिकारियों ने समस्या की भयावहता को नहीं समझा है। आपने केवल 0.23 एकड़ की पहचान की है। अदालत ने कहा कि 0.23 एकड़ वैकल्पिक जंगल है? अदालत ने यह भी कहा कि विभाग ग्रीन दिल्ली निधि के उपयोग,वन भूमि पर अतिक्रमण, वन के लिए वैकल्पिक भूमि की पहचान से जुड़ी अदालत के आदेशों का अनुपालन करने में विफल रहा है, जो कि यह दर्शाता है कि अधिकारी अदालत के आदेशों की पूरी तरह से अवहेलना कर रहे है।
अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रमुख सचिव वन विभाग आगामी 10 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हों। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने अधिकारियों को वैकल्पिक वन निर्माण के लिए जगह की पहचान करने का निर्देश दिया था।
सुनवाई के दौरान अदालत ने विभाग में रिक्त पदों पर भी चिंता व्यक्त की। सितंबर माह में अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में अधिक ग्रीन कवर की आवश्यकता पर जोर देते हुए अधिकारियों को मौजूदा वन के अलावा एक और वन क्षेत्र बनाने के लिए भूमि खोजने को कहा था। समाप्त विनीत 4 अक्टूबर