Move to Jagran APP

Delhi News: रोहिणी के डीडीए पार्क में जहरीले पानी के चलते मरीं सैकड़ों मछलियां, मामला सामने आते ही मचा हड़कंप

रोहिणी स्थित डीडीए के स्वर्ण जयंती पार्क में विभागीय लापरवाही से सोमवार सुबह हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि एसटीपी प्लांट से पार्क की झील में गैर शोधित पानी छोड़ दिया गया जिससे सैकड़ों मछलियों की मौत हो गई।

By sanjeev GuptaEdited By: JP YadavUpdated: Tue, 01 Nov 2022 08:00 AM (IST)
Hero Image
रोहिणी के पार्क में मरी मछलिया। फोटो प्रतीकात्मक

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। जहां एक ओर नजफगढ़ झील में प्रदूषित पानी से मर रही मछलियों का मसला अभी थमा भी नहीं है, वहीं सोमवार सुबह रोहिणी स्थित दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के स्पर्ण जयंती पार्क की झील में भी विभागीय लापरवाही से सैकड़ों मछलियों ने दम तोड़ दिया।

हैरत की बात यह कि झील के ठेकेदार ने इस मामले को रफा- दफा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आनन- फानन में सभी मरी मछलियों को ठिकाने भी लगा दिया। हालांकि डीडीए के उच्चाधिकारियों ने इस मामले में विभागीय लापरवाही स्वीकार की है और जांच की बात भी कही है।

सैकड़ों मछलियों ने तोड़ दिया दम

जानकारी के मुताबिक सोमवार अल सुबह पार्क के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से बड़ी मात्रा में झील में गैर शोधित पानी छोड़ दिया गया। अत्यधिक प्रदूषित पानी के असर से कुछ ही देर में झील में तैर रही सैकड़ों मछलियों ने दम तोड़ दिया।

झील के पानी में मर गई मछलियां

मरने के बाद सारी मछलियों का शव झील के पानी में तैरने लगे। पौ फटने के बाद जब वहां पर मौजूद गार्ड ने यह घटनाक्रम देखा तो झील के ठेकेदार से संपर्क साधा। इसके बाद एक घंटे से भी कम समय में जाल फेंककर सारी मरी हुई मछलियों को निकालकर वहीं आसपास मिट्टी में दफना दिया गया।

ठंड का दिया जा रहा तर्क

विडंबना यह कि जिस गार्ड ने सबसे पहले यह स्थिति देखी, उसने सच- सच बता दिया कि सीवर के गंदे पानी से मछलियां मर गई हैं। जबकि बाद में वहां मौजूद दूसरे गार्ड और ठेकेदार नई ही कहानी गढ़कर सुनाने लगे। प्रदूषित पानी की बात छिपाकर ठंड के कारण मछलियों के मरने की बात करने लगे।

ठेकेदार का भी दावा, ठंड से मरी मछलियां

इस बाबत ठेकेदार सलीम का कहना है कि ठंड के कारण 20 से 25 किलो मछलियों की मौत हो गई। संख्या में यह 30 से 40 रही होंगी। ठंड से बचाव के लिए हम रोहतक से दवा मंगवा रहे हैं। उसे पानी में डाला जाएगा, जिससे और मछलियां न मर सकें।

गंदे पानी की वजह से मरी मछलियां

उधर इसके जवाब में अशोक कुमार (उद्यान निदेशक, डीडीए) का कहना है कि ठंड से मछलियां कभी नहीं मरतीं। एसटीपी प्लांट से झील में गंदा पानी छोड़े जाने के कारण ही ऐसा हुआ है। यह सिविल विभाग की लापरवाही है। इसमें देखा जाएगा कि क्या किया जा सकता है।

की जाएगी कार्रवाई

राजीव कुमार तिवारी, प्रमुख आयुक्त (उद्यान), डीडीए) के मुताबिक, ठंड से मछलियों के मरने की बात बिल्कुल बेबुनियाद है। और अगर इतनी बड़ी मात्रा में मछलियां मरी हैं तो निश्चित तौर पर कोई न कोई गड़बड़ी है। इस मामले की जांच कराई जाएगी और उसके बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।