Delhi News: AIIMS में HAI अनुसंधान केंद्र और चार नए ब्लाक का शुभारंभ आज, चिकित्सा सुविधाएं में मिलेगा लाभ
एम्स में बुधवार को अस्पताल जनित संक्रमण (एचएआइ) अनुसंधान केंद्र और चार नए ब्लाक शुरू होने जा रहे हैं। इनमें राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र सर्जरी ब्लाक मातृ एवं शिशु ब्लाक और प्राइवेट वार्ड-तीन शामिल हैं। इन सभी केंद्रों में चिकित्सा सुविधाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं लेकिन उद्घाटन होना बाकी था। सभी का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया करेंगे।
By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Wed, 13 Dec 2023 05:09 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एम्स में बुधवार को अस्पताल जनित संक्रमण (एचएआइ) अनुसंधान केंद्र और चार नए ब्लाक शुरू होने जा रहे हैं। इनमें राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र, सर्जरी ब्लाक, मातृ एवं शिशु ब्लाक और प्राइवेट वार्ड-तीन शामिल हैं। इन सभी केंद्रों में चिकित्सा सुविधाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं, लेकिन उद्घाटन होना बाकी था। सभी का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया करेंगे।
इन केंद्रों के निर्माण से एम्स के बुनियादी ढांचे में विस्तार हुआ है। एम्स के मुख्य अस्पताल, कार्डियोथोरेसिक सेंटर, न्यूरो सेंटर, आरपी सेंटर, कैंसर सेंटर, न्यूरो सेंटर, झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) और अन्य केंद्रों को मिलाकर एम्स में 3279 बेड हैं। जिसमें 298 प्राइवेट वार्ड के बेड शामिल हैं।
राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र की बेड क्षमता 200, सर्जरी ब्लाक की बेड क्षमता 200, मातृ एवं शिशु ब्लाक की बेड क्षमता 427 और प्राइवेट वार्ड-तीन की बेड क्षमता 127 बेड है। इनके अलावा एनसीआइ में भी प्राइवेट वार्ड का शुभारंभ होगा, इसलिए एम्स की बेड क्षमता 4200 से ज्यादा हो चुकी है। साथ ही एनसीआइ में शोध केंद्र भी शुरू होगा। इसके अलावा ट्रामा सेंटर में एचएआइ अनुसंधान केंद्र और फारेंसिक डीएनए लैब भी शुरू होगी। अस्पताल जनित संक्रमण एक बड़ी समस्या रही है, इसलिए अस्पतालों में इसकी रोकथाम के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
एम्स के नेतृत्व में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइसीएमआर) अस्पताल जनित संक्रमण की निगरानी के लिए शोध भी कराता रहा है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को इस तरह का संक्रमण होने का जोखिम ज्यादा रहता है। खास तौर पर आइसीयू में भर्ती मरीजों को अस्पताल जनित संक्रमण सबसे अधिक होता है। इस संक्रमण की रोकथाम का बेहतर विकल्प तलाशने के लिए आइसीएमआर ने एम्स को पांच करोड़ रुपये की ग्रांट दी है।
इसके मद्देनजर एम्स ट्रामा सेंटर में एचएआइ अनुसंधान केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र में अस्पताल जनित संक्रमण की रोकथाम के लिए बेहतर तकनीक विकसित की जाएगी, जो देश भर के अस्पतालों में अस्पताल जनित संक्रमण की रोकथाम में मददगार साबित होगी।
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