Delhi: 11 अक्टूबर से प्रदर्शन करेंगे JNU के छात्र, छात्रसंघ चुनाव की कर रहे मांग
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव कराने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। विश्वविद्यालय चुनाव कराने को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है। अब छात्रों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। 11 अक्टूबर से वामपंथी छात्र संगठनों ने कक्षाओं के बहिष्कार का ऐलान किया है। चुनाव कराने के लिए लंबे प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है।
By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Mon, 09 Oct 2023 04:15 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव कराने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। विश्वविद्यालय चुनाव कराने को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है। अब छात्रों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है।
11 अक्टूबर से वामपंथी छात्र संगठनों ने कक्षाओं के बहिष्कार का ऐलान किया है। चुनाव कराने के लिए लंबे प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। जेएनयू में कोरोना के बाद से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं। 2019 में बना छात्र संघ अभी तक कार्य कर रहा है।
छात्र लगातार चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव होने के बाद मांग और भी तेज हो गई है। अब आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडरेशन (डीएसएफ) आदि छात्र संगठनों ने चुनाव कराने के लिए प्रदर्शन की घोषणा की है।
डीएसएफ की पदाधिकारी ने बताया कि जेएनयू प्रशासन चुनाव की घोषणा को लेकर बहानेबाजी कर रहा है।
उन्होंने पीएचडी प्रवेश परीक्षाएं पूरी होने के बाद चुनाव की बात कही है। जेएनयू में इस बार एनटीए सीयूईटी के जरिये परीक्षा का आयोजन कर रहा है। अभी सिर्फ आवेदन की प्रक्रिया पूरी हुई है। परीक्षा की तिथि की घोषणा नहीं की गई है। परीक्षा होने और परिणाम आने में नवंबर का महीना पूरा हो जाएगा।
दिसंबर में चुनाव कराना संभव नहीं होगा। इसलिए हम मांग कर रहे हैं कि अक्टूबर महीने में चुनाव करा दिए जाएं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जेएनयू सचिव विकास पटेल ने कहा, तीन बार एबीवीपी प्रदर्शन कर चुकी है। डीन आफ स्टूडेंट्स लिखित में चुनाव कराने की हामी भी भर चुके हैं।लेकिन, विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश पूरे होने के बाद चुनाव कराने पर अड़ा हुआ है। इसमें काफी वक्त लगेगा। दिसंबर में छुट्टियां लग जाएंगी, तब चुनाव संभव नहीं होंगे। इसलिए विश्वविद्यालय को जल्द चुनाव कराने पर विचार करना चाहिए।
इस संबंध में हम कुलपति से भी मिलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके कार्यालय से समय नहीं दिया जा रहा है। विकास ने कहा कि विश्वविद्यालय का अकादमिक कैलेंडर भी गड़बड़ हो गया है। मैं पीएचडी में दूसरे वर्ष का छात्र हूं। जबकि तीसरे वर्ष का होना चाहिए था। अगर ऐसे ही चलता रहा तो चुनाव कभी संभव नहीं हो पाएंगे।2012 में हुए थे जनवरी में चुनाव आइसा की एक पदाधिकारी ने बताया कि जेएनयूएसयू के चुनाव साल 2012 में जनवरी में हुए थे। छह महीने के लिए ही सही, लेकिन छात्र संघ का गठन हुआ था। इसलिए संभव है कि इस वर्ष चुनाव करा लिए जाएं। ताकि छात्रों को नई पीढ़ी को चुनाव में भाग लेने का मौका मिल सके।
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