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Delhi News: अवैध निर्माणों पर कार्रवाई में फिसड्डी है एमसीडी, STF की कार्रवाई का भी नहीं दिख रहा असर

दिल्ली में अतिक्रमण अवैध निर्माण और अवैध पार्किंग की समस्या से पूरी दिल्ली जूझ रही है और इसके लिए दिल्ली नगर निगम व दिल्ली विकास प्राधिकरण के वही अधिकारी जिम्मेदार हैं जिन पर इसे दुरुस्त करने का दारोमदार है। पिछले तीन साल में इनके खिलाफ सर्वाधिक शिकायतें मिलीं हैं लेकिन कागजी कार्रवाई कर मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Fri, 18 Aug 2023 08:23 AM (IST)
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अवैध निर्माणों पर कार्रवाई में फिसड्डी है एमसीडी। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अतिक्रमण, अवैध निर्माण और अवैध पार्किंग की समस्या से पूरी दिल्ली जूझ रही है और इसके लिए दिल्ली नगर निगम व दिल्ली विकास प्राधिकरण के वही अधिकारी जिम्मेदार हैं, जिन पर इसे दुरुस्त करने का दारोमदार है।

आंकड़ों के अनुसार अवैध निर्माण, अतिक्रमण और अवैध पार्किंग पर कार्रवाई में एमसीडी फिसड्डी है तो वहीं, दिल्ली विकास प्राधिकरण भी दूसरे स्थान पर है। पिछले तीन साल में इनके खिलाफ सर्वाधिक शिकायतें मिलीं हैं, लेकिन कागजी कार्रवाई कर मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

सफेद हाथी साबित हो रही है STF

केंद्र सरकार ने राजधानी में अवैध निर्माण, अवैध पार्किंग, अतिक्रमण जैसे मामलों पर कार्रवाई करने और उसकी निगरानी रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया था, लेकिन एसटीएफ की कार्रवाई भी एक तरह से सफेद हाथी साबित हो रही है। जहां-जहां एसटीएफ द्वारा कार्रवाई की जाती है, वहां पर कुछ दिनों बाद वही स्थिति हो जाती है। चाहे अवैध निर्माण हो या फिर अवैध पार्किंग व सड़क पर अतिक्रमण। यह हाल तब है, जब एसटीएफ में नगर निगम से लेकर, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), राजस्व व अन्य विभाग शामिल होते हैं।

2019 में हुआ था STF का गठन

एसटीएफ की रिपोर्ट के अनुसार, हर वर्ष सैकडों की संख्या में सभी विभागों के अधिकारियों पर अवैध निर्माण, अवैध पार्किंग और अतिक्रमण पर कार्रवाई न करने की शिकायतें आ रही है। इसमें सर्वाधिक शिकायतें निगम अधिकारियों के खिलाफ है। वर्ष 2020 में 810 शिकायतें आईं।

इसी प्रकार वर्ष 2021 में 952, 2022 में 1811 शिकायतें आई हैं। 2023 में 2265 में शिकायतें आई हैं, जबकि दूसरे स्थान पर शिकायतें डीडीए के ही खिलाफ हैं। इन शिकायतों पर एक्शन टेकन रिपोर्ट तो जमा की जाती है, लेकिन उन अधिकारियों के खिलाफ कोई खास कार्रवाई नहीं की जाती है, जो अवैध निर्माण से लेकर अवैध पार्किंग और अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं करते हैं। फिर मजबूरन जनता को एसटीएफ को शिकायतें करनी पड़ती हैं।

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