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Assembly Election Results 2023: एमपी-छत्तीसगढ़ समेत राजस्थान में सरकार गठन की तैयारियां तेज, दिल्ली में मुलाकात का दौर जारी; सीपी जोशी अमित शाह से मिले

मध्य प्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ व तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार गठन की तैयारियां तेज हो गई हैं। भाजपा की जीत वाले तीनों राज्यों में नए मुख्यमंत्रियों पर लोगों की नजरें लगी हुई हैं। दरअसल भाजपा ने किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कमल के निशान पर चुनाव लड़ा था।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Tue, 05 Dec 2023 04:31 AM (IST)
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अमित शाह से मिले राजस्थान भाजपा अध्यक्ष जोशी

जागरण टीम, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार गठन की तैयारियां तेज हो गई हैं। भाजपा की जीत वाले तीनों राज्यों में नए मुख्यमंत्रियों पर लोगों की नजरें लगी हुई हैं। दरअसल, भाजपा ने किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कमल के निशान पर चुनाव लड़ा था।

अब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने से पहले सोमवार को विधायकों से चर्चा की गई। इसके बाद शीर्ष नेता दिल्ली रवाना हो गए। राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सक्रिय हो गईं। उन्होंने कई विधायकों से मुलाकात की।

राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले। मध्य प्रदेश में कोई बड़ी सियासी हलचल नहीं हुई। सबकी निगाहें पूर्ण बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर भाजपा आलाकमान के निर्णय पर लगी रहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निश्चिंत दिखाई दिए।

वह पूरे दिन मुख्यमंत्री आवास पर ही रहे। सुबह से उन्हें बधाई देने वालों की भीड़ लगी रही। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ भी बधाई देने मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे। एक-एक विधायक से चर्चा छत्तीसगढ़ में सोमवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में जीते हुए सभी पार्टी विधायक जुटे।

यहां भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, चुनाव सह प्रभारी डॅा.मनसुख मांडविया, संगठन सह प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेशाध्यक्ष व सांसद अरुण साव और पूर्व मुख्यमंत्री डॅा.रमन सिंह ने एक-एक विधायकों से चर्चा की। उन्हें अपने क्षेत्र की जनता के प्रति आभार प्रकट करने को कहा। 

इसके बाद माथुर, मांडविया और नितिन नबीन दिल्ली रवाना हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा पूर्व भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी और भाजपा के महामंत्री व पूर्व आइएएस ओपी चौधरी के नाम को लेकर भी चर्चा है। 

राजस्थान में सरकार के गठन के लिए जयपुर से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी रहा

सोमवार सुबह प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी जयपुर से दिल्ली पहुंच गए। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय विधिमंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित कई वरिष्ठ नेता भी दिल्ली में हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर में ही रहकर नये विधायकों से मिल रही हैं।

सोमवार को करीब दो दर्जन विधायकों ने उनसे मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि राजस्थान का फैसला मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही हो सकता है। इस बीच वसुंधरा से मिलने पहुंचे विधायकों में शामिल बहादुर सिंह कोली, विजय सिंह चौधरी व समाराम गरासिया ने कहा कि वसुंधरा प्रदेश की जनता की मांग हैं।

उनको सीएम बनाना चाहिए। सीएम पद के लिए वसुंधरा के अतिरिक्त शेखावत, मेघवाल और ओमप्रकाश माथुर भी दौड़ में हैं। मध्य प्रदेश: समर्थक विधायक ने विजयवर्गीय का नाम बढ़ाया मुख्यमंत्री का फैसला दिल्ली में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद होने की वजह से मध्य प्रदेश के भी कई दिग्गज दिल्ली पहुंच गए। भाजपा महासचिव व इंदौर-एक विधानसभा सीट से विधायक चुने गए कैलाश विजयवर्गीय भी रवाना हो गए थे।

उधर, उनके समर्थक और विधानसभा क्षेत्र इंदौर-दो से विधायक रमेश मेंदोला ने खुद को मंत्री बनाए जाने को लेकर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि लोग विजयवर्गीय को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। यह जनभावनाएं हैं कि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें। इसी बीच, मध्य प्रदेश के प्रभारी और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भी सोमवार को दिल्ली में थे।  

लाड़ली बहना नहीं, मोदी के नेतृत्व की वजह से मिला भारी जनादेश

विजयवर्गीयइस बीच कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भारी जनादेश के पीछे पीएम मोदी का नेतृत्व था, ना कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की कोई विशेष योजना। जब उनसे पूछा गया कि क्या 'लाड़ली बहना' योजना ने राज्य में बड़ी जीत में भूमिका निभाई है, तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि क्या लाडली बहना योजना छत्तीसगढ़ या राजस्थान में थी।

समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक दो-तिहाई बहुमत के साथ पार्टी की जीत के बाद चौहान मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार बने हुए हैं।

विजयवर्गीय के अलावा केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे राज्य के अन्य क्षत्रपों को इस पद के लिए अन्य संभावितों में देखा जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि वह मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के नतीजों को कैसे देखते हैं तो पटेल ने कहा कि यह सब मोदी नाम के जादू के कारण हुआ है। उन्होंने जीत के लिए अमित शाह की चुनावी रणनीति को भी श्रेय दिया है।